सतना। जिला अस्पताल की हालत ये है कि रात होते ही ये आवारा पशुओं का तबेला बन जाता है. आवारा पशु अस्पताल के अंदर घूमते-फिरते नजर आते हैं. ऐसे में मरीजों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. जिला अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा-व्यस्था ध्वस्त हो गई है. आवारा पशुओं को भगाने के लिए मरीज या उनके परिजनों को खुद ही मशक्कत करनी पड़ती है. साथ ही आवारा मवेशियों से मरीजों में इन्फेक्शन का खतरा भी बना रहता है.
सतना जिला अस्पताल में घूम रहे हैं मवेशी, पल्ला झाड़ रहे जिम्मेदार
सतना जिला अस्पताल में सुरक्षा-व्यवस्था की हालत खस्ता है. आलम ये है कि मवेशी अस्पताल में खुलेआम घूम रहे हैं.
सतना जिला अस्पताल में घूम रहे हैं मवेशी
बता दें जिले का ये इकलौता सरकारी अस्पताल है, जिसमें 400 बेड हैं, बावजूद इसके इसकी सुरक्षा-व्यवस्था इतनी लचर है. सुरक्षाकर्मियों का नाम सिर्फ रजिस्टर में दर्ज है, लेकिन ये अस्पताल के अंदर कभी नजर नहीं आते हैं.
वहीं अस्पताल प्रबंधन ये कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है कि बाउंड्री वॉल टूटी होने की वजह से कभी-कभी मवेशी परिसर में घुस आते हैं, हालांकि नजर रखने के लिए एक सुरक्षाकर्मी को रखा गया है.