सतना। चित्रकूट के बहुचर्चित जुड़वा भाईयों श्रेयांश और प्रियांश के हत्याकांड के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा दी है. आरोपियों को हत्या और साक्ष्य छिपाने के मामले में दोषी माना गया था. इस मामले में मुख्य आरोपी रामकेश पहले ही जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर चुका है.
"मैं अपने बच्चों के न्याय नहीं दिला पाया"
इस मामले में श्रेयांश और प्रियांश के पिता की तरफ से आरोपियों के लिए फांसी की मांग की गई थी. कोर्ट ने आरोपियों को दोहरा आजीवान कारावास दिया. फैसले के बाद बृजेश रावत भावुक नजर आए. दोषियों को फांसी की जगह आजीवन कारावास की सजा मिलने से दुखी बृजेश ने कहा कि मैं अपने बच्चों को न्याय नहीं दिला पाया हूं. मेरे बच्चों के हत्या के आरोपियों के लिए इस समाज में कोई जगह नहीं है, उन्हें मृत्युदंड ही मिलना था.
फांसी की थी मांग, मिला आजीवन कारावास
फैसले पर बताते हुए बृजेश रावत के वकील रामरूप पटेल ने बताया कि पांचों आरोपियों को दोहरा आजीवन कारावास दिया गया है. दोनों बालकों की हत्या के मामले में अलग-अलग आजीवन कारावास मिला है. रामरूप ने बताया कि कोर्ट ने आरोपियों की उम्र को देखते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बृजेश के वकील ने बताया कि फैसले की कॉपी मिलने के बाद वो हाईकोर्ट जाने की तैयारी करेंगे.