सागर। इन दिनों सागर में धर्मांतरण का मुद्दा काफी गरमाया हुआ है. खासकर सागर के श्यामपुरा स्थिति सेंट फ्रांसिस सेवाधाम में पिछले दिनों हुए विवाद के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. दरअसल, कुछ दिनों पहले पहुंचे राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के साथ सेवाधाम के निरीक्षण के दौरान विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसके बाद मामला गंभीर हो गया है. बाल संरक्षण आयोग ने जहां सेवाधाम में धर्मांतरण और अवैध गतिविधियों के आरोप लगाए हैं, वहीं सेवाधाम ने इन आरोपों को नकारते हुए बाल संरक्षण आयोग पर जबरन प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाया है. शुक्रवार को इसी सिलसिले में सागर में ईसाई धर्म के लोगों ने पैदल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया और बाल संरक्षण आयोग पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया.
ये है मामला:दरअसल, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने 8 मई को सागर के श्यामपुरा स्थित सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम का दौरा किया था. इसके बाद उन्होंने सेवाधाम पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने सेवाधाम पर धार्मिक परीक्षा संबंधित पेपर मिलने, एक ही जगह बच्चों को कई सालों तक रखने और धर्म विशेष की प्रार्थना करवाने का आरोप लगाया था. उन्होंने संस्था द्वारा धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए कहा था कि "आयोग को एक लड़की की जानकारी मिली है जो आश्रम में दाखिल होते समय हिन्दू थी, लेकिन बालिग होने पर ईसाई हो गई है." उन्होंने सेवाधाम छात्रावास में लड़के और लड़कियां एक साथ रखने और एक पंजीयन पर 2 संस्थान चलाने के अलावा 1 कमरे से शराब की बोतलें मिलने के आरोप लगाए थे. हांलाकि, इन आरोपों के बाद सेवाधाम ने अपनी सफाई पेश की थी और राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के आरोपों को निराधार बताया था.