सागर।जिला प्रशासन ने नई केंद्रीय जेल के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है. शासन की मंजूरी मिलते ही कमर्शियल कांप्लेक्स और नई सेंट्रल जेल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. ब्रिटिश काल में जब अंग्रेजो के खिलाफ बगावत शुरू हुई थी, तब 1842 में बुंदेलखंड इलाके में बुंदेला विद्रोह पनपा था. ये एक तरह से अंग्रेजों के खिलाफ पहला संगठित विद्रोह था. कहा जाता है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव बुंदेला विद्रोह ने रखी थी. बुंदेला विद्रोह के नायक मधुकर शाह को 1843 में इसी केंद्रीय जेल में फांसी दी गई थी. आज यह जेल 180 साल पुरानी हो चुकी है. वैसे इस जेल की क्षमता 900 कैदियों की है,लेकिन यहां हमेशा 2000 कैदी निरुद्ध रहते हैं. हालात ये है कि कैदियों को जेल के अंदर बरामदे और खुली जगह में रखने की मजबूरी है. वहीं दूसरी तरफ शहर के विस्तार के कारण जेल शहर के बीचोंबीच पहुंच गई है. इसलिए नई केंद्रीय जेल बनाने की तैयारी की जा रही है.
आरक्षित हुई 100 एकड़ जमीन :केंद्रीय जेल अधीक्षक सागर के राकेश भांगरे ने बताया कि नई केंद्रीय जेल अब नेशनल हाईवे 44 शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर बनाई जाएगी. नेशनल हाईवे पर चितौरा गांव के नजदीक करीब 100 एकड़ जमीन नई केंद्रीय जेल के लिए आरक्षित की गई है. जेल प्रशासन द्वारा जिला प्रशासन को नई केंद्रीय जेल के लिए जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव भेजा है. जिला प्रशासन द्वारा चितौरा की जमीन को आरक्षित कर जेल विभाग को जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है. सरकार की मंजूरी मिलते ही चितौरा में नई जेल का निर्माण शुरू किया जाएगा. यह जेल आगामी 25 साल की योजना को ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है.
नई जेल में होंगे 5 हजार कैदी :नई जेल की क्षमता 5000 कैदियों की होगी. जेल के अंदर अस्पताल, महिला कैदियों के बच्चों के लिए स्कूल, जेल प्रहरी ट्रेनिंग सेंटर, पार्क, गौशाला, खेल मैदान और सुरक्षा के आधुनिक इंतजाम किए जाएंगे. कमर्शियल कांप्लेक्स के लिए हाउसिंग बोर्ड ने केंद्रीय जेल परिसर की जमीन का जायजा लिया है. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने मौजूदा केंद्रीय जेल परिसर में कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड द्वारा केंद्रीय जेल परिसर का दौरा कर अभी उस जमीन को चिन्हित किया गया है, जो जमीन खाली पड़ी हुई है.