सागर। जिस डॉक्टर को इन्सान भगवान का दर्जा देता है बीना के सरकारी अस्पताल में उसी की लापरवाही के चलते एक शख्स की मौत हो गयी. अस्पताल में हुए संवेदनहीनता का ये मामला हर किसी को झकझोरने वाला है. हॉस्पिटल में एक बुजुर्ग को पुलिस ने भर्ती कराया था, लेकिन हैरानी की बात है डॉक्टर ने जिंदा आदमी को मृत घोषित कर दिया.
अजब एमपी के गजब डॉक्टर: जिंदा बुजुर्ग को बताया मृत, पोस्ट मॉर्टम हाउस में गुजरवायी रात
परिजनों को डॉक्टर ने बताया कि इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई, सुबह पोस्टमार्टम होता उससे पहले परिजनों को किसन प्रसाद सोनी के जिंदा होने की जानकारी मिली. ये मामला है बीना से सरकारी अस्पताल का, जहां डॉक्टर ने एक जीवित बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया.
डॉक्टर द्वारा बुजुर्ग को मृत घोषित करने के बाद उसे पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया गया. हैरानी की बात है कि जिंदा आदमी पूरी रात पोस्टमॉर्टम हाउस में रहा. सुबह जब बुजुर्ग को पोस्टमार्टम कराने ले जाया गया तो उसकी सांस चल रही थी. बुजुर्ग के जिंदा होने पर उसका इलाज फिर शुरु किया, हालांकि बाद में उसकी मौत हो गई. मामले में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. डायल 100 ने लावारिस बजुर्ग को 14 जून को अस्पताल में भर्ती कराया था.
पुलिस के मुताबिक अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉ. अभिनाश सक्सेना ने बुजुर्ग को मृत घोषित किया था. मामले में पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है. बुजुर्ग के पास से मिले दस्तावेजों के मुताबिक वह छतरपुर जिले के नौगांव का रहने वाला था. मृत का नाम किशन प्रसाद सोनी और उम्र 72 थी.