सागर। जिले के सागर-बीना मार्ग पर स्थित जरुआ खेड़ा में राम भक्त हनुमान का मंदिर है, जिन्हें ठाकुर बाबा के नाम से जानते हैं. इस मंदिर की स्थापना से लेकर मंदिर की महिमा की कई कहानियां हैं. कहते हैं कि अंग्रेजों के जमाने में जब सागर बीना रेल लाइन बिछाई जा रही थी. तब इस मंदिर को रेल लाइन से हटाकर स्थापित किया गया था. खास बात ये है कि मनोकामना पूर्ति के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और ठाकुर बाबा से मन्नत मांगते हैं. मन्नत पूरी होने पर यहां घोड़ा चढ़ाए जाने की परंपरा है. कहा जाता है कि ठाकुर बाबा घोड़े पर सवारी करते थे. (hanuman temple in sagar)
कहां स्थित है ठाकुर बाबा का मंदिरःसागर जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी की दूरी पर सागर बीना मार्ग पर ठाकुर बाबा का मंदिर स्थित है. ये स्थान जरुआ खेड़ा के नाम से जाना जाता है. हालांकि ये ठाकुर बाबा का काफी प्राचीन स्थान है, लेकिन पिछले 25 सालों से सभी भक्तों द्वारा यहां मंदिर स्थापना के साथ-साथ कई देवी-देवताओं के मंदिर स्थापित किए गए हैं. रोजाना सैकड़ों की संख्या में यहां श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. हर महीने की पूर्णिमा पर यहां विशेष रूप से श्रद्धालु पहुंचते हैं. (Jarua Kheda thakur baba temple sagar)
क्या है मंदिर स्थापना की कहानीःजरुआ खेड़ा में ठाकुर बाबा मंदिर के स्थापना की कहानी बड़ी रोचक है. कहा जाता है कि अंग्रेजों के जमाने में जब सागर बीना रेल लाइन बिछाई जा रही थी. तब ठाकुर बाबा की स्थापना की गई थी, जो ठेकेदार रेल लाइन बिछाने का काम लिए था. वह काफी परेशान था. रोजाना मजदूर रेल लाइन बिछाने के लिए दिन भर खुदाई करते थे. दूसरे दिन जब मजदूर पहुंचते थे, तो वह स्थान जैसा पहले था, वैसा ही मिलता था. उनके द्वारा खोदी गई मिट्टी ज्यों की त्यों हो जाती थी. काफी परेशान होने के बाद ज्योतिषियों और तांत्रिकों से जब राय ली गई तो उन्होंने बताया कि यहां हनुमान जी का मंदिर है, जिन्हें ठाकुर बाबा के नाम से जानते हैं. पहले उनकी स्थापना दूसरे स्थान पर करिए. तब जाकर रेल लाइन का निर्माण हो पाएगा. संबंधित ठेकेदार ने रेल लाइन के पास ही एक महुआ के पेड़ के नीचे ठाकुर बाबा की स्थापना की, तब जाकर निर्बाध गति से रेल लाइन का काम शुरू हो सका. (history of thakur baba temple sagar)
ठाकुर बाबा करते हैं हर मनोकामना पूरीःजरुआ खेड़ा के ठाकुर बाबा मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है. कहा जाता है कि ठाकुर बाबा से सच्चे मन से जो भी मन्नत मांगी जाती है. वह जरूर पूरी होती है. खासकर संतान ही दंपत्ति ठाकुर बाबा के मंदिर में मन्नत मांगते हैं और संतान प्राप्ति के बाद मंदिर में ही बच्चों का मुंडन कराते हैं. (reverence of thakur baba in mp)