सागर।बैंक का एटीएम कार्ड (atm card) जारी होते ही कार्ड धारक का दुर्घटना बीमा हो जाता है. ऐसे लोग विकलांगता और अप्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में बीमा दावा कर सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको एटीएम कार्ड से नियमित ट्रांजैक्शन (Transaction) करना होगा. हाल ही में सागर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम कार्ड धारक की मृत्यु के 5 साल बाद दुर्घटना बीमा देने का आदेश उपभोक्ता फोरम द्वारा दिए गए हैं.
क्या है मामला
दरअसल, जिले की मालथौन तहसील की निवासी पानबाई के पति काशीराम अहिरवार की मौत खेत पर काम करते हुए वर्ष 2016 में हो गई थी. अपने पति की मौत के बाद पानबाई अहिरवार ने पति के एटीएम कार्ड के आधार पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में दुर्घटना बीमा का दावा पेश किया था, लेकिन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने बीमा दावे की अवधि खत्म हो जाने का तर्क देते हुए बीमा देने से इंकार कर दिया था. वही बैंक द्वारा इस बात पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी कि काशीराम अहिरवार की मौत के बाद उनके परिजन उनके एटीएम कार्ड का उपयोग क्यों कर रहे हैं. बैंक का कहना था कि मृतक के परिजनों को 90 दिन के भीतर दुर्घटना बीमा पेश करना था. इस मामले में पानबाई अहिरवार ने एडवोकेट मनीष तिवारी के माध्यम से उपभोक्ता फोरम में प्रकरण पेश करते हुए दुर्घटना बीमा की मांग की थी.
क्या आदेश दिया जिला उपभोक्ता फोरम ने
करीब 4 साल तक चले इस प्रकरण में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष अनुपम श्रीवास्तव ने बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के 20 सितंबर 2011 के सर्कुलर को आधार मानते हुए निर्देश दिया. इस निर्देश में कहा गया कि देरी से सूचना के आधार पर बीमा दावा खारिज नहीं किया जा सकता है. इस मामले में पानबाई अहिरवार को बीमा दावा पेश करने का अवसर दिया जाना चाहिए. अध्यक्ष द्वारा आवेदक द्वारा 15 दिन के भीतर बैंक के समक्ष दावा पेश करने को कहा है और ये भी कहा है कि बीमा कंपनी 2 महीने के अंदर इस दावे का निराकरण करें. वही आयोग ने आवेदक से कहा है कि अगर 2 माह के अंदर प्रकरण का निराकरण नहीं होता है,तो फिर आयोग के समक्ष परिवाद पेश कर सकता है.