सागर। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मध्यप्रदेश में लागू हो चुकी है और शिक्षा नीति (new education policy) के सफल क्रियान्वयन की चुनौती सरकार के सामने हैं. मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) के हालात यह है कि प्रदेश के कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के 40 फीसदी पद खाली हैं. जिनकी संख्या करीब 4 हजार है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की चुनौती देखते हुए तय किया गया है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली पदों पर अतिथि विद्वान द्वारा काम कराया जाएगा. इधर उच्च शिक्षा विभाग पीएससी के माध्यम से 950 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की तैयारी कर रहा है. लेकिन इसके बावजूद करीब 3 हजार पद खाली रहेंगे. इन परिस्थितियों को देखते हुए तय किया गया है कि जब तक असिस्टेंट प्रोफेसर के सभी पद नहीं भर जाते हैं,तब तक अतिथि विद्वान के जरिए शैक्षणिक करवाए जाएंगे.
प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर के 4 हजार पद खाली
मध्य प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में काफी जल्दबाजी की. नए शिक्षा सत्र के साथ प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई. लेकिन इसे लेकर अब कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसकी बड़ी वजह असिस्टेंट प्रोफेसर के 40 फीसदी पद खाली होना है. उच्च शिक्षा विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर के 10 हजार पद स्वीकृत है. जिनमें से सिर्फ 6 हजार पद भरे हुए हैं. करीब 4 हजार पद अभी भी खाली हैं. कोरोना महामारी के चलते भर्ती प्रक्रिया में देरी हो रही है. एक साथ 4 हजार पदों की भर्ती संभव भी नहीं है. फिलहाल सरकार पीएससी के माध्यम से 950 पदों पर भर्ती प्रस्तावित है. ऐसी स्थिति में 3 हजार पद फिर भी खाली रहेंगे.