सागर।नौरादेही अभयारण्य से गुजरने वाले रेहली जबलपुर मार्ग की चौड़ाई काफी कम है. एलिवेटेड कॉरिडोर बनने से मार्ग की चौड़ाई बढ़ जाएगी और अभयारण्य के जानवरों के आवागमन के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी. मंत्री गोपाल भार्गव के अनुसार नीचे से अभयारण्य के जानवरों के आवागमन के लिए व्यवस्था रहेगी और एक फ्लाईओवर तैयार किया जाएगा, जिस पर वाहनों का आवागमन होगा.
क्यों बनाया जा रहा है एलिवेटेड कॉरिडोर :नौरादेही अभ्यारण्य मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण हैं, जो सागर,दमोह और नरसिंहपुर जिलों में फैला हुआ है. करीब 1197 किमी क्षेत्रफल के अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी चल रही है, जिसका प्रस्ताव सरकार के पास लंबित है. रेहली- जबलपुर मार्ग नौरादेही अभयारण्य के बीच से गुजरता है. इस मार्ग का करीब 20 किमी हिस्सा अभ्यारण्य की सीमा के भीतर है, जिसकी चौड़ाई काफी कम है. भोपाल से जबलपुर को जोड़ने वाले मार्गों में इस मार्ग की लंबाई सबसे कम है और वाहन चालकों के लिए ये किफायती सौदा होता है. लेकिन नौरादेही अभ्यारण्य में मार्ग की चौड़ाई कम होने के कारण बड़े वाहन इस मार्ग से गुजरने में कतराते हैं.
सिवनी के पेंच नेशनल पार्क से मिली प्रेरणा :पीडब्ल्यूडी मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र की बड़ी समस्या के निराकरण के लिए कई सालों से परेशान हैं सिवनी के पेंच नेशनल पार्क में एनएचएआई द्वारा बनाया गया लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे गोपाल भार्गव के लिए प्रेरणा बना है नेशनल पार्क से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 गुजरता है। मोहगांव से खवासा तक 29 किमी का लाइट एंड साउंड प्रूफ नेशनल हाईवे तैयार किया गया है. पेंच नेशनल पार्क से गुजरने वाले 3.5 किमी क्षेत्र में 14 एनिमल अंडरपास, 58 पुलिया और 18 एनिमल क्रॉसिंग कलवर्ट बनाए गए हैं. इसमें जानवरों के निकलने की अलग सुविधा और वाहनों के लिए निकलने अलग मार्ग है. खास बात ये है कि भारी वाहनों का शोरगुल और लाइट जानवरों के लिए परेशानी का सबब ना बने,इसलिए इसे लाइट एंड साउंड प्रूफ बनाया गया है.