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CM हेल्पलाइन की शिकायत, जबरन बंद कराने के तहसीलदार पर लगे आरोप

राजस्व संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय में शिविर लगाया गया, जहां तसीलदार रामेश्वर त्रिपाठी पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं. लोगों का कहना है कि तहसीलदार उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं. साथ ही परेशानियों के निराकरण पर कोई बात नहीं कर रहे.

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Published : Mar 14, 2021, 3:27 PM IST

Collector Office, Rewa
कलेक्टर कार्यालय, रीवा

रीवा। कलेक्ट्रेट कार्यालय में राजस्व संबंधी सीएम हेल्पलाइन के शिकायतों का निराकरण कराए जाने को लेकर शिविर का आयोजन किया गया. जिसके बाद शिविर में आए लोगों ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायत को जबरन बंद कराने के लिए तहसीलदार पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि तहसीलदार ने उनकी शिकायत बंद होने के बाद ही निराकरण करने की बात कही है, जिसके कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है.

कलेक्टर कार्यालय, रीवा

शिकायतों का निराकरण कराने के लिए लगा शिविर

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सरकारी विभागों की समस्याओं से जुड़ी शिकायतों के जल्द निराकरण को लेकर सीएम हेल्पलाइन शिकायत प्रक्रिया को प्रारंभ किया गया था, जिसके बाद प्रशासनिक प्रणाली में लोगों का भरोसा जागा और अपनी समस्याओं को लेकर लोग सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने लगे. लेकिन शिकायत के बावजूद निराकरण को लेकर सरकारी तंत्र गंभीर नहीं है. लोगों से बिना निराकरण किए ही शिकायतों को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. ताजा मामला सामने आया है रीवा के कलेक्ट्रेट कार्यालय से जहां पर सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों को अधिकारियों द्वारा वापस लिए जाने का दबाव लोगों पर बनाया जा रहा है.

शिकायतकर्ताओं ने तसीलदार पर लगाया आरोप

दरअसल रीवा के कलेक्ट्रेट कार्यालय में राजस्व संबंधी सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों का निराकरण कराने के लिए शिविर लगाया गया है. जिसमें जिले भर के कोने-कोने से शिकायतकर्ता अपनी अपनी शिकायतों का निराकरण कराने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे, लेकिन यहां पर तसीलदार रामेश्वर त्रिपाठी ने शिकायतकर्ताओं से शिकायतों का बिना निराकरण कराए ही वापस लेने का दबाव बनाया.

सीएम ने प्रकरणों का जल्द निराकरण कराने के दिए निर्देश

सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का जल्द निराकरण कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार निर्देश दे रहे हैं. जिसके चलते प्रशासनिक व्यवस्था से दबाव में आए अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं पर ही शिकंजा कसना शुरु कर दिया है.

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