रतलाम। बारिश से खराब हुई सोयाबीन की फसल के बीमा क्लेम में अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की विसंगति की वजह से किसानों को खराब हुई फसल का वास्तविक लाभ नहीं मिल पाएगा. दरअसल कृषि विभाग, राजस्व विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों की टीम ने किसानों के खेतों से फसल उत्पादन के नमूने लिए हैं.
इस सर्वे में खेतों में काली पड़ चुकी सोयाबीन को उत्पादन मानकर उसका वजन किया जा रहा है, जिससे सर्वे रिपोर्ट मे सोयाबीन के वजन के आधार पर नुकसान का आकलन कम किया जा रहा है और किसानों को बीमा लाभ भी कम प्रतिशत मे मिलेगा.
बीमा योजना की विसंगति की वजह से नहीं मिल पाएगा किसानों को लाभ
किसानों का कहना है कि, अधिकांश किसानों ने अपनी फसल को हार्वेस्ट कर लिया है, जबकि कई गांव में अब भी सर्वे करने के लिए टीम नहीं पहुंची है. ऐसे में किसानों को हुए नुकसान का आकलन कैसे किया जाएगा, और किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खराब हो चुकी फसल का वास्तविक लाभ नहीं मिल पायेगा.
वहीं कृषि विभाग के अधिकारी जीएस मोहनिया का कहना है कि, जिले में फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित किसानों को फसल बीमा का लाभ जरूर मिलेगा. बहरहाल कृषि विभाग, राजस्व विभाग और फसल बीमा योजना अंतर्गत बीमा करने वाली कंपनी के अधिकारियों की टीमों का गठन किया गया है, जो जिले के सभी क्षेत्रों में फसलों के नुकसान का सर्वे कर रही है. जिसके आधार पर किसानों की बीमित फसलों में हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाई जायेगी.