रतलाम। किसानों की आय दोगुना करने के लिये कृषि विभाग ने कार्य योजना बनाकर 6 ब्लॉक के एक-एक गांव को गोद लिया है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक यहां के किसानों को उन्नत और आधुनिक खेती के तरीके बताएंगे और 2 साल में किसानों की आय दोगुनी हो सके, इसके लिए इन गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित करेंगे.
अधिकारियों के अनुसार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें उन्नत और आधुनिक खेती के साथ खाद और कीटनाशकों के संतुलित प्रयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा ने जिले के 6 ब्लॉक के एक-एक गांव को गोद लिया है. जिसमें किसानों को खरीफ सीजन में फसल की बुवाई करने के आधुनिक तरीके के साथ खाद और कीट प्रबंधन सिखाया जाएगा. जिससे किसान अपनी आय को बढ़ा सकेंगे.
कृषि विभाग ने 6 गांवों को लिया गोद
किसानों को सोयाबीन की उत्पादकता 14 -15 क्विंटल के औसत से बढ़ाकर 17 से 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर किए जाने की पद्धतियों रिच-फरो पद्धति, रेज्ड बेड पद्धति द्वारा बुवाई करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. सॉइल हेल्थ कार्ड की अनुशंसा के अनुसार ही खाद और फसल का निर्धारण करने की सलाह भी किसानों को दी जा रही है. इन गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित कर जिले के अन्य किसानों को यहां से उन्नत कृषि के तौर तरीके सिखाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
मालवा क्षेत्र की मुख्य फसल सोयाबीन की पारंपरिक पद्धति से की जाने वाली खेती में उत्पादकता लगातार घटती जा रही है. किसानों द्वारा ज्यादा मात्रा में खाद और कीटनाशकों के उपयोग करने से खर्च भी बढ़ रहा है. कृषि विभाग ने कार्य योजना बनाकर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पूरे के पूरे गांव को उन्नत खेती के लिए प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है. जिससे अन्य किसान भी आदर्श गांव में पहुंच कर उन्नत कृषि की तकनीक को देख और समझ पाएंगे.