राजगढ़। स्वास्थ्य विभाग के लाख दावों के बाद भी जिला अस्पताल कई समस्याओं से जूझ रहा है. जहां एक तरफ डॉक्टरों की कमी के कारण लगातार मरिजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ मशीनों के खराब हो जाने से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. जिला अस्पताल में लगातार दो डायलिसिस मशीनें खराब हो जाने से किडनी पीड़ित मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है.
जिला अस्पताल में मरीज बेहाल, इलाज नहीं मिलने से जा रहे इंदौर-भोपाल
स्वास्थ्य विभाग के लाख दावों के बाद भी जिला अस्पताल कई समस्याओं से जूझ रहा है. जिला अस्पताल की दो डायलिसिस मशीनें खराब पड़ी हैं, जिसके चलते मरीजों को इंदौर-भोपाल जाना पड़ा.
जिला अस्पताल में पहली डायलिसिस मशीन अगस्त महीने में खराब हो गई थी, जबकि दूसरी मशीन लगातार नमी के चलते 30 अक्टूबर को खराब हो गई, जिसकी वजह से मरीजों को डायलिसिस करवाने के लिए इंदौर-भोपाल जाना पड़ता है और महंगे दामों पर किडनी का इलाज करवाना पड़ रहा है. जिले में गरीब परिवार भी हैं, जो अपना इलाज महंगे दामों में नहीं करवा पाते, वहीं ऐसे भी व्यक्ति हैं जिनकी पहली किडनी खराब हो जाने से उनकी जान जा चुकी है.
इस बारे में डायलिसिस अधिकारी डॉक्टर सुधीर कलावत ने बताया कि सिविल सर्जन ने तुरंत ही भोपाल पत्र लिखा था. कंपनी के इंजीनियर ने बताया कि नमी होने के चलते मशीन खराब हुई है. तीन से चार मरीजों की किडनी खराब हो जाने से उनकी जान जा चुकी है. उन्होंने ये भी बताया कि डायलिसिस की मशीन सही करवाने में एक लाख रुपए खर्च आएगा, अगर डायलिसिस मशीन का कक्ष बदल दिया जाए तो मशीनों को सही कराकर फिर से चलाया जा सकता है.