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राजगढ़: ऐसा मंदिर जहां टाइफाइड जैसी बीमारी का होता है इलाज !

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में एक ऐसा मंदिर जहां टाइफाइड जैसी गंभीर बीमारी का इलाज किया जाता है . दवा के रुप में मोती चूर के लड्डू का सेवन तीन दिन करना होता है. ठीक होने के बाद पीड़ित व्यक्ति यहां आकर भंडारा करवाता है.

मंदिर जहां टाइफाइड जैसी बीमारी का होता है इलाज

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Published : Jun 27, 2019, 2:36 PM IST

राजगढ़। कहते है जहां आस्था हो वहां विश्वास करने से सबकुछ ठीक हो जाता है. मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचीपुर नगर के समीप एक ऐसा मंदिर है जहां रोगी अपनी बीमारी की समस्या भगवान मोती ज्वर महाराज को सुनाते हैं. उन्हें दवा के रुप में मोती चूर के लड्डू का सेवन तीन दिन तक करना होता है. ठीक होने के बाद पीड़ित व्यक्ति अपने परिवार के साथ आकर मंदिर में भंडारा करवाता हैं.
दरअसल, माना जाता है कि यहां पर भगवान स्वयं मोती ज्वार महाराज के नाम से विराजित है और वह आने वाले भक्तों की समस्या सुनकर उनके परिवार जनों में इस रोग से पीड़ित लोगों का इलाज करते हैं. यहां पर मनोकामना करने से लगातार दो महीने से आ रहा ज्वर ठीक हो जाता है और भंडारे के रूप में आपको यहां पर मन्नत पूरी करनी होती है.

मंदिर जहां टाइफाइड जैसी बीमारी का होता है इलाज


मंदिर के पुजारी दीपकचंद शर्मा का कहना है इस मंदिर की स्थापना आज से तकरीबन 175 वर्ष पूर्व हुई थी. वर्तमान ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के पूर्वज और खिलचीपुर महाराज किशन जी ने सन 1847 में इसकी स्थापना की थी. कहा जाता है उनके पुत्र को जब टाइफाइड जैसी बीमारी ने घेर लिया था. महाराज ने यहां पर अक्षय तृतीया के दिन मोती ज्वर महाराज मंदिर का निर्माण करवाया था. मानने वालों का कहना है स्थापना के बाद से ही खिलचीपुर के राजकुमार की तबीयत सही हो गई थी.


नोट : ईटीवी भारत ऐसे किसी भी प्रकार के अंधविश्वास का सर्मथन नहीं करता है.

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