राजगढ़। सभी भाषाओं की जननी कही जाने वाली संस्कृत को बचाने के लिए राजगढ़ का यह गांव भरपूर प्रयास कर रहा है. यहां पर अधिकांश लोग संस्कृत में ही बात करते हैं. जहां हमारे देश में इस भाषा को अब कोई ज्यादा महत्व नहीं देता वहीं जिले के खुजनेर तहसील के झिरी गांव के लोगों ने संस्कृत को ही अपनी भाषा मान लिया है.
कहा जाता है कि हमारे देश की सारी भाषाओं का उद्गम संस्कृत भाषा से ही हुआ है. पूर्वजों की मानें तो संस्कृत देवताओं की भाषा थी इसलिये इसे देववाणी का नाम दिया गया है. वहीं आज बहुत से वैज्ञानिक भी मानते हैं कि किसी भी कंप्यूटर प्रोग्राम को लिखने के लिए यह भाषा सबसे सर्वोत्तम है. हमारे सारे ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखे हुए हैं चाहे वह रामायण हो या चाहे वह गीता. इन सब बातों के बीच में आज हमारे देश में संस्कृत भाषा सिर्फ कक्षा दसवीं तक पढ़ाई जाने वाली भाषा बन कर रह गई है.