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राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र उम्मीदवारों के लिए है एक बड़ी चुनौती, क्षेत्र में हैं ये 5 मुख्य समस्याएं

मध्यप्रदेश के 3 जिलों की 8 विधानसभा क्षेत्रों का समूह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र है.यहां से दिग्विजय सिंह दो बार सांसद रह चुके हैं वहीं उनके भाई लक्ष्मण सिंह भी यहां से पांच बार जीत हासिल कर चुके हैं. राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र उम्मीदवारों के लिए एक बड़ी चुनौती है.

राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र

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Published : Mar 30, 2019, 11:42 PM IST

राजगढ़। मध्यप्रदेश के 3 जिलों की 8 विधानसभा क्षेत्रों का समूह राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र है. जिसमें आगर मालवा, राजगढ़ और गुना की कुल 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इस सीट पर शुरुआत से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां से दिग्विजय सिंह दो बार सांसद रह चुके हैं वहीं उनके भाई लक्ष्मण सिंह भी यहां से पांच बार जीत हासिल कर चुके हैं. यह लोकसभा क्षेत्र पहली बार 1962 में अस्तित्व में आया था, तब पहली बार नरसिंहगढ़ के भानु प्रकाश सिंह सांसद बने थे.

राजगढ़ का चुनावी इतिहास
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से पहली बार नरसिंहगढ़ के पूर्व महाराज भानु प्रकाश सिंह निर्दलीय चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे. वहीं 1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में इसे दूसरे लोकसभा क्षेत्र में सम्मिलित कर लिया गया था. 1977 में राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र फिर से अस्तित्व में आया और यहां से पंडित वसंत कुमार सांसद बन कर लोकसभा पहुंचे थे. कांग्रेस ने यहां पर पहली बार 1984 में अपना खाता खोला था. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह राजगढ़ से लोकसभा पहुंचे थे. वहीं कांग्रेस 1989 में हारने के बाद 1991 में फिर से वापसी की.

कांग्रेस से दल बदल कर आए दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह बीजेपी के टिकट पर 2004 में सांसद चुने गए थे. जहां 1991 से लगातार हार का मुंह देख रही बीजेपी ने 2003 के विधानसभा चुनावों के बाद अपना वजूद यहां पर जमाया था. वहीं 2014 में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में भाजपा ने फिर से इस सीट पर कब्जा जमाया और यहां पर भाजपा के वर्तमान में उम्मीदवार रोडमल नागर जीत कर लोकसभा पहुंचे थे.

वर्तमान स्थिति में राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में कुल 8 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 5 विधानसभा क्षेत्रों पर कांग्रेस का राज है तो वहीं 2 विधानसभा क्षेत्रों पर बीजेपी का कब्जा है. इसके अलावा सुसनेर से एक निर्दलीय विधायक भी हैं जो कांग्रेस से ही ताल्लुक रखते हैं. लगातार 15 सालों तक मध्यप्रदेश में बीजेपी का राज रहा है और यहां पर भी अधिकतम बार बीजेपी के विधायक रहे हैं. वहीं इस बार वर्तमान लोकसभा सांसद बीजेपी के उम्मीदवार रोडमल नागर के प्रति कार्यकर्ताओं में नाराजगी के चलते बीजेपी के लिए यह सीट काफी मुश्किल दिखाई दे रही है.

राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र

ये है मुख्य समस्याएं
राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में जल संकट, औद्योगिक क्षेत्र की कमी, बेरोजगारी, जातिवाद में अनेक ऐसी कुप्रथाएं और विकास का मुद्दा प्रमुख समस्याएं है. वहीं केंद्रीय औद्योगिक क्षेत्र पीलूखेड़ी होने के बावजूद यह लोकसभा क्षेत्र बेरोजगारी से जूझ रहा है. यही वजह है कि यहां के लोग रोजगार ढूंढने के लिए बाहर जाते हैं. पीलूखेड़ी राजगढ़ जिले के अंतिम छोर पर स्थित होने के कारण इसका प्रभाव यहां पर कम है जिसके कारण यहां पर बेरोजगारी भी बहुत ज्यादा है. वहीं पिछले कुछ समय में केंद्र और राज्य सरकारों ने यहां पर काम तो शुरु किये लेकिन वो अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं.

गौरतलब है कि, रेलवे लाइन से लेकर नल जल परियोजना का काम तो शुरू तो हुआ लेकिन अभी तक कोई काम पूरा नहीं हुआ है. नल जल परियोजना के अंतर्गत गांव का और नल के द्वारा पानी सप्लाई का प्लान तो बनाया गया लेकिन पूरा नहीं होने की वजह से इस साल भी लोगों को जल संकट से जूझना पड़ेगा. वहीं यहां पर लगातार चोरी और लूटपाट की घटनाओं ने पुलिस प्रशासन को तंग कर रखा है और यहां पर लूट के अपराधिक मामले लगातार बढ़ते जा रहे. वहीं जिला अंतर्राज्यीय सीमा पर होने के कारण यहां पर तस्कर धीरे-धीरे अपने पैर जमाते जा रहे हैं. इसके अलावा यहां पर स्मैक, अफीम और अन्य नशीले पदार्थों से जिले के युवाओं को अपनी गिरफ्त में लेते जा रहे हैं जो यहां की एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है.

वरिष्ठ पत्रकार गोपाल विजयवर्गीय मानते हैं कि, राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र एक काफी बड़ा लोकसभा क्षेत्र है जहां पर अनेक समस्याएं मौजूद हैं. यहां पर 5 ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर इस बार का चुनाव लड़ा जाएगा, जिसमें बेरोजगारी, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार की कमी, विकास का मुद्दा, औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण का मुद्दा, अविकसित लघु उद्योग शामिल हैं. इसके साथ ही जातिवाद का मुद्दा जिसमें कुछ जातियों में नातरा प्रथा और बाल विवाह और मृत्यु भोज यहां पर कुछ ऐसी प्रथा है जो न जातियों के लोगों के लिए प्रमुख समस्याएं है.

इसके साथ ही वहीं रेलवे लाइन का मुद्दा, भोपाल से लेकर रामगंज मंडी तक बनने वाली रेलवे लाइन अभी सिर्फ 15 परसेंट ही जिले में कंप्लीट हो पाई है. पीने का पानी भी एक गंभीर समस्या है. वहीं राजगढ़ जिले में इस बार युवा मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है जो अपना उम्मीदवार देख कर ही अपना मत देते हैं और यह युवा मतदाता पिछली बार विधानसभा चुनाव में भी अपना असर दिखाया था. उन्होने साथ ही कहा कि इस चुनाव में भी हो सकता है कि युवा वोटर अपना असर दिखाएं और लीक से हटकर वोट करें.

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