रायसेन। जिले के सुल्तानपुर क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत के सरपंच की दबंगई और रसूखदारी के आगे सिस्टम बेबस नजर आ रहा है, यहां ग्रामीणों को शासन द्वारा पीने के पानी के लिए सरकारी हैंडपंप स्वीकृत किया था लेकिन, सरपंच ने ग्रामीणों और शासकीय अधिकारियों को गुमराह कर हैडपंप अपने खेत में लगवा लिया. सरपंच इस हैडपंप के बोर में अपनी मोटर डालकर इसका निजी उपयोग कर रहा है. सरपंच की दबंगई के चलते ग्रामीण नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
जिन लोगों ने चुना उन्हीं को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा रहा सरपंच, दबंगई से परेशान ग्रामीण
रायसेन जिले के सुल्तानपुर में आने वाली ग्राम पंचायत सातरा में सरपंच ने अपनी रसूखदारी के चलते अपने खेत में सरकारी हैंडपंप पर कब्जा कर ग्राम वासियों को पीने के पानी का मोहताज बना दिया है.
गर्मियों के दिनों में ग्रामीणों को पानी की बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है गर्मियों के दिनों में नाली का पानी भी सूख जाता है, ग्रामीण उसी नाले में गड्ढा खोदकर पानी निकालकर अपनी प्यास बुझाते हैं, इस गंदे नाले के पानी के उपयोग से ग्रामीणों को तरह-तरह की बीमारियों से भी जूझना पड़ता है. इतना ही नहीं यदि कोई ग्रामीण अपनी पानी की समस्या को सरपंच के पास लेकर जाता है तो सरपंच के परिवार के लोग ग्रामीणों के साथ मारपीट करने पर उतर आते हैं.
इस सरकारी हेडपंप को लगाने में पीएचई अधिकारियों और जनपद पंचायत के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है, जब सरकारी हैंडपंप की स्वीकृति गांव के लिए की गई थी तो फिर हैंडपंप का निर्माण सरपंच के खेत में क्यों किया गया कहीं ना कहीं अधिकारियों की मिलीभगत के कारण ग्रामीण इसका खामियाजा भुगत रहे हैं, जिस जनता ने सरपंच को चुना आज वही सरपंच उन गरीब ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा रहा है.