रायसेन. रायसेन में होली (Holi) के दिन हुए खूनी संघर्ष के 3 दिन बीत जाने के बाद भी स्थिति अभी तक पूरी तरह सामान्य नहीं हुई है. गांव में अब भी भारी मात्रा में पुलिसबल तैनात है. दो पक्षों के बीच हुए इस खूनी संघर्ष में 338 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. जिनमें से 38 नामजद हैं. 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रशासन ने इन आरोपियों के हथियार और झगड़े में इस्तेमाल वाहनों को जब्त कर लिया है. आरोपियों के घरों को भी बुलडोजर जमींदोज कर दिया. रायसेन में सिलवानी के खमरिया गांव में हुए इस खूनी संघर्ष का विवाद गली में निकलने को लेकर शुरू हुआ था. जिसमें 1 शख्स की मौत हो गई थी और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
गांव में अब भी तैनात है पुलिस
गांव में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में बताई जा रही है, हालांकि एहतियातन पुलिस की गश्त और तैनाती यहां अभी भी है. पुलिस के जवान गांव में डेरा डाले हुए हैं. हमले में जान गंवाने वाले राजू आदिवासी का शव शनिवार रात हमीदिया अस्पताल से गांव लाया गया था जहां पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया. इस पूरे मामले में पुलिस की चूक भी सामने आ रही है. यह इलाका सेंसिटिव एरिया माना जाता है. 3 साल पहले भी यहां सलैया इलाके में होली के मौके पर ऐसा ही खूनी संघर्ष हुआ था. बावजूद इसके खिमरिया की घटना वाले दिन पुलिस की पेट्रोलिंग और रात्रि गश्त यहां नहीं हुई थी. अब पुलिस और प्रशासन ने सख्त रवैया अख्तियार किया हुआ है. घटना में 13 आरोपियों की गिरफ़्तारी की गई है. प्रशासन ने 12 बोर की 2 राइफल, 2 ट्रैक्टर ,1 बोलेरो पिकअप को भी जब्त किया है.
होली की रात हुआ था खूनी संघर्ष
गांव में लोग होली का त्योहार मना रहे थे. इसी बीच बच्चों के बीच रंग लगाने और गली में निकलने को लेकर विवाद हो गया. जो कि बाद में खूनी संघर्ष में बदल गया. दोनों पक्ष एक दूसरे पर लाठी-डंडों बरसाने लगे. उपद्रवियों ने दो दुकान और दो बाइक को भी आग के हवाले कर दिया. देर रात तक चले इस खूनी संघर्ष में दोनों गुटों के कई लोग जख्मी हुए. जिन्हें शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना में एक शख्स की मौत भी हो गई है.