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सावन का अंतिम सोमवार: चौमुख नाथ मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - सावन का अंतिम सोमवार 2021

चौमुख नाथ मंदिर में सावन के अंतिम सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर शिव की पूजा अर्चना कर अभिषेक किया और पाठ करते हुए शिवतांडव के साथ स्तुति की.

Choumukh Nath Mandir
चौमुख नाथ मंदिर

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Published : Aug 16, 2021, 10:31 AM IST

पन्ना।केंद्रीय पुरातत्व के अधीन चौमुख नाथ मंदिर (Choumukh Nath Mandir) में सावन के अंतिम सोमवार (Sawan Somwar) को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर शिव की पूजा अर्चना कर अभिषेक किया और पाठ करते हुए शिवतांडव के साथ स्तुति की.


मूर्ति में भगवान शिव के 4 रूपों के दर्शन
चौमुख मंदिर (Choumukh Nath Mandir) सिर्फ बुंदेलखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके में प्रसिद्ध है. मंदिर में स्थित अनोखी मुर्ति में भगवान शिव के 4 रूपों के दर्शन होते हैं. शांत साधना में लीन, अर्धनारीश्वर और अघोर रूप को प्रकट करते हुए जिसमें भगवान शिव हलाहल धारण कर रहे हैं. यह स्वरूप जीवंत बनाते हैं इसलिए बड़ी संख्या में भक्त चौमुख नाथ मंदिर साधना करने पहुंचते हैं. सावन के अंतिम सोमवार (Sawan Somwar) को श्रद्धालुओं की भीड़ देखने लायक थी.

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सावन का अंतिम सोमवार आज
सावन का अंतिम सोमवार (Sawan Somwar) होने के कारण आज जिले के सभी शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. श्रद्धालु आराध्य शिव को बेलपत्र, दूध दही चढ़ाकर रहे हैं, साथ ही हवन के साथ पूजन कर रहे हैं और अधिकांश घरों में आज शिववाचन का आयोजन किया गया है.


पूजा करते समय बरतें ये सावधानियां

  • पूजा में केतकी के फुल का स्तेमाल ना करें- शिवजी की पूजा में केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि केतकी के फूल चढ़ाने से भगवान शिवजी नाराज होते हैं.
  • भगवान शिव को तुलसी ना चढ़ाएं- तुलसी को कभी भी भगवान शिवजी को अर्पित नहीं किया जाता है.
  • नारियल का पानी ना चढ़ाएं-शिवलिंग की पूजा करते समय कभी भी शिवलिंग पर नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.


सावन के आखिरी सोमवार में पूजा का शुभ समय

  • राहुकाल: प्रात: 07 बजकर 32 मिनट से प्रात: 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगा.
  • अभिजीत मुहूर्त: प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है.
  • अभिजीत मुहूर्त पर भोले बाबा की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करें

ज्योतिष और पंडितों के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप न्यूनतम सवा लाख बार करना ही चाहिए. अगर कोई जातक ऐसा नहीं कर पाता है तो वह कम से कम इस मंत्र का जाप 108 बार जरूर करे. यदि महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप कर लिया जाय तो अकाल मृत्यु अर्थात समय से पहले होने वाली मौत का खतरा टल जाता है. धार्मिक मान्यता है कि कुंडली में अगर कम आयु, गंभीर बीमारी या दुर्घटना का योग बना है तो इससे ये सारे दोष टल जाते हैं.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अच्छी स्वास्थ्य और सकारात्मक उर्जा मिलती है. महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप कर लिया जाय तो अकाल मृत्यु अर्थात समय से पहले होने वाली मौत का खतरा टल जाता है. धार्मिक मान्यता है कि कुंडली में अगर कम आयु, गंभीर बीमारी या दुर्घटना का योग बना है तो इससे ये सारे दोष टल जाते हैं

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