पन्ना। सरकारी फाइलों में सरकार चाहे कितनी भी योजनाएं क्यों न दर्ज करा दे, लेकिन इन योजनाओं की जमीनी हकीकत उम्मीदों पर खरा नहीं उतरती. सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इन क्षेत्रों में सरकार सांझा चूल्हा योजना सिर्फ दस्तावेजों में ही संचालित हो रही है.
आंगनबाड़ी केंद्रों में मासूमों को नहीं मिल रहा नाश्ता, सरकारी फाइलों में चल रही सांझा चूल्हा योजना
अगर जमीनी स्तर पर पन्ना जिले में देखा जाए तो लगभग 10% आंगनबाड़ी केंद्रों में ही बच्चों को नाश्ता दिया जा रहा है. जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
सांझा चूल्हा योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को भोजन के पहले नाश्ते के रूप में पौष्टिक आहार दिया जाता है, लेकिन पन्ना जिले के ज्यादातर पहाड़ी एवं ग्रामीण क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में इसका वितरण नहीं किया जा रहा है और जो खाना दिया जाता है वह भी गुणवत्ता विहीन होता है.आंगनबाड़ी में पदस्थ कार्यकर्ताओं का कहना है कि बच्चों को खाना तो खिलाते हैं, लेकिन नाश्ते के लिए कुछ भी नहीं आता. इस मामले में महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिये.