पन्ना।जिले का वन विभाग हमेशा ही सुर्खियो में बना रहता है. जहां जंगल की निगरानी करने और वन्यजीवों की सुरक्षा करने की जगह वनकर्मी मौज कर रहे हैं. मामला पन्ना के काष्ठागार डिपो का है. यहां 42 वनकर्मी को पदस्थ किया गया है लेकिन मौके पर सिर्फ 9 वनकर्मी ही रहते है. जो सही तरीके से काम कर रहे हैं.
बगैर काम के सालों से वेतन ले रहे लगभग 33 वनकर्मी, जिम्मेदार अधिकारी दे रहे सफाई - forest workers
वन्यजीवों की सुरक्षा करने की जगह वनकर्मी मौज कर रहे हैं. रेंजर के लिखे पत्र के वायरल होने के बाद ये मामला सामने आया है. यहां 42 वनकर्मी को पदस्थ किया गया है लेकिन मौके पर सिर्फ 9 वनकर्मी ही सही तरीके से काम कर रहे हैं.
वायरल लेटर से हुआ खुलासा
रेंजर के लिखे गए पत्र के वायरल होने के बाद मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, काष्ठागार पन्ना में पदस्थ-2 वनपाल, 11 वनरक्षक, 24 स्थाईकर्मी, 1 ड्राइवर और पार्ट टाईम श्रमिक 4 हैं. कुल मिलाकर 42 कर्मचारी/श्रमिक कार्यरत है. हालांकि डिपो का आकार छोटा है. लिहाजा 42 कर्मचारियों को वेतन मिलता है जबकि मौके पर सिर्फ 9 ही कर्मचारी अपनी ड्यूटी सही तरीके से करते हैं बाकी कर्मचारी मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं. वहीं जब इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई दो अधिकारी सफाई देते हुए नजर आए.
वरिष्ठ आधिकारियों का मिल रहा संरक्षण
बता दें, कि इन कर्मचारियों की पोस्टिंग काष्ठागार में की गई. जहां इन्हें वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण भी मिला हुआ है. जहां एक ओर पिछले 2 सालों में वन विभाग में लगभग 5 तेंदुओं और 1 भालू के शिकार होने के मामले सामने आये है. जबकि कई सीटें खाली पड़ी हुई हैं. वहीं वनकर्मी मनमाने तरीके से काम कर मौज उड़ा रहे हैं. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से वन और वन्यजीवों की सुरक्षा होगी.