नीमच। चंद्रेश अपने गांव मोरवन में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं. इसके साथ ही वे गांव और आसपास के लोगों के खेत का उपज भी खरीदते हैं. इसी क्रम में मोरवन गांव का ही एक मजदूर आजाद खान अपना गेहूं से भरा कट्टा बेचने के लिए चंद्रेश की दुकान पर पहुंचा था. चंद्रेश ने कट्टे का वजन तौलकर वाजिब रूपए आजद को दे दिए. इसके बाद चंद्रेश के घर पर दिनभर खरीदे गए अनाज को एक जगह ढेर लगाने के लिए खाली किया जा रहा था, तभी एक कट्टे से गेहूं के अंदर रखा एक छोटा सा टिफिन बाहर निकला. टिफिन को खोलकर देखा गया तो उसमें सोने-चांदी के आभूषण थे. टिफिन में 2 सोने के झुमके व एक जोड़ चांदी की बिछिया थी. किराना व्यवसायी ने सभी कट्टों की बारिकी से छानबीन की तब पाया कि टिफिन आजाद खान द्वारा बेचे गए कट्टे से निकला है.
गांव दुकानदार ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, सोने-चांदी से भरा टिफिन लौटाया
नीमच से 40 किलोमिटर दूर गांव में एक दुकानदार ने इमानदारी की मिसाल पेश की है. दरअसल गांव के एक छोटे किराना व्यवसायी चंद्रेश राठौर ने सोनो-चांदी से भरा टिफिन उसके असली मालिक आजाद खान को लौटा दिया.
चंद्रेश ने गांव के लोगों के सामने टिफिन आजाद खान सौंप दिया
टिफिन मिलने के बाद आजाद खान से सम्पर्क किया गया और उससे टिफिन के बारे में पूछा गया. जिसके बाद उसने बताया कि चोरी होने के डर से उसी ने टिफिन में सोने-चांदी छुपाकर गेहूं के बीच दबा दिया थे लेकिन गेहूं बेचते वक्त वह उस टिफिन के बारे में भूल गया था. चंद्रेश राठौर के सूचना देने के बाद उसे याद आया. पूछताछ में तसल्ली होने के बाद किराना व्यवसायी ने गांव के 5-6 लोगों के सामने सोने-चांदी से भरा टिफिन उसके असली मालिक आजाद खान सौंप दिया. किराना व्यवसायी चंद्रेश राठौर की नेकदिली से प्रभावित होकर गांव भर में उसकी चर्चा हो रही है.