नीमच।देश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान नीमच में बिना बैंड-बाजा और बारात के ही शादी संपन्न हुई. कार्यक्रम में न तो रिशतेदार मौजूद रहे और न ही मेहमान. कोई था तो बस वर-वधू, पंडित और परिजन. ये शादी प्रशासन की अनुमति के बाद संपन्न हुई.
लॉकडाउन वाली शादी में न बैंड बजा, न बाराती नाचे, सादगी से वर-वधू बन गए जीवनसाथी
नीमच के बाघना में प्रशासन की अनुमति के बाद लॉकडाउन के दौरान एक जोड़ा सात जन्मों के बंधन में बंधा, इस दौरान लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन किया गया, साथ ही बहुत सी रस्मों को सिर्फ प्रतीकात्मक तौर पर पूरा किया गया.
बघाना में प्रशासन की अनुमति के बाद प्रतीक और रुचि गर्ग ने एक दूसरे का हाथ थामा. वर-वधू ने लॉकडाउन के दौरान सभी नियमों का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग मेन्टेन करते हुए मास्क लगाकर शादी की सभी रस्मों को पूरा किया. शहर में शायद ये पहली शादी होगी, जिसमें न तो बैंड बजा और न ही बाराती नाचे. दूल्हा अपने माता-पिता के साथ सीधे दुल्हन के घर पंहुचा और सभी रस्मों को निभाया गया.
इस शादी में घोड़ी की रस्म भी महज प्रतीकात्मक रूप में एक खिलौने के साथ पूरी की गई. फिर जब दूल्हा, दुल्हन के घर पंहुचा तो स्वागत करने भी महज दो से तीन लोग ही नजर आए, जिसके बाद दूल्हे ने तोरण के रिवाज को पूरा कर पूरे विधि-विधान के साथ फेरे लिए और दोनों की शादी संपन्न हुई. प्रतीक और रुचि ने बताया कि उनकी शादी तो पहले से ही तय थी, लेकिन जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो परिवार के लोग भी शादी टालने की बात कर रहे थे, लेकिन जब नीमच जिला ग्रीन जोन में आया तो प्रशासन की शर्तों पर शादी को सादगी से संपन्न कराने की अनुमति मिल गई.