नीमच। जिले में बाढ़ प्रभावितों के लिए मुआवजे के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल उजागर हुआ है. जिन लोगों के मकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ है उनका नाम भी मुआवजे में शामिल है. इस मामले में नगर पालिका के दो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. लोगों की आपत्तियां जब अधिकारियों तक पहुंची तो सीएमओ ने आनन-फानन में बर्खास्त के आदेश दे दिए. इस मामले में कलेक्टर ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं.
मुआवजा वितरण चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, कमीशन लेकर कर्मचारी बांट रहे राहत राशि
नीमच जिले में बाढ़ प्रभावितों के लिए मुआवजे के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है. नगर पालिका के दैवेभो कर्मचारी लोगों को राशि आवंटन के नाम पर कमीशन का खेल चला रहे थे. जिसके चलते सीएमओ ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है.
बाढ़ प्रभावित कई इलाकों में बीते दो सप्ताह से राजस्व और नगर पालिका के दल सर्वे कर रहे हैं. गुरुवार को सर्वे के कई नामों पर लोगों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद फर्जीवाड़ा उजागर हुआ. नगर पालिका के दैवेभो कर्मचारी नरेंद्र सूर्यवंशी और राहुल बारेट लोगों को राशि आवंटन के नाम पर कमीशन का खेल चला रहे थे. वहीं रामपुरा नगर के समाजसेवी श्रीमंत व्यास ने पूरे मामले में राजस्व विभाग को दोषी करार देते हुए कहा है कि राजस्व विभाग की गलती है. जिन बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा वितरित होना था उनके घर पर ताले लगे हैं. वो सभी बाढ़ पीड़ित राहत शिविरों में निवासरत हैं. ऐसे में जो सर्वे किया गया है वो पूरी तरीके से गलत है.
राजस्व विभाग के साथ नगर पालिका के कर्मचारी भी इस सर्वे में सम्मिलित हैं. कर्मचारियों द्वारा 20-20 हजार की रिश्वत लेने पर नगर पालिका अधिकारी द्वारा उन्हें बर्खास्त किया गया है. इसमें जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ जिला प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए.