मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

शिक्षक के प्रयोग ने बदला छात्रों का भविष्य, सरकारी स्कूल में बना दी 'परीक्षा की लैब'

सरकारी स्कूल हमेशा लापरवाही और अपने ढुलमुल रवैये के चलते लोगों के निशाने पर रहते हैं, संसाधन होने के बावजूद बच्चों को अच्छी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, लेकिन गाडरवारा में एक शिक्षक ने सरकारी स्कूल की तस्वीर बदलकर इस मिथक को तोड़ दिया है. ईटीवी भारत की परीक्षा की पाठशाला में शिक्षक केके रजौरिया.

narsinghpur news
परीक्षा की लैब

By

Published : Feb 23, 2020, 6:32 AM IST

नरसिंहपुर।दीवारों पर उकेरे गए विज्ञान के फार्मूले, बंद कमरे में लाल-नीली लाइट के बीच व्यवस्थित विज्ञान के प्रयोग वाले उपकरण, जिन्हें पहली नजर में देखकर कोई भी यही समझेगा कि ये कोई विज्ञान लैब है या स्पेस एजेंसी का दफ्तर है, लेकिन अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं क्योंकि ये कोई विज्ञान लैब नहीं बल्कि नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा का एक सरकारी स्कूल है.

टीचर ने स्कूल में बनाई अनोखी लैब

गाडरवारा के सरकारी स्कूल में पदस्थ टीचर केके राजौरिया को विज्ञान पढ़ाने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उन्होंने छात्रों में साइंस के प्रति रुचि जगाने के लिए स्कूल में ही साइंस की दुनिया बसा डाली, जहां स्टूडेंट्स केमिस्ट्री की बारीकियों का प्रयोग करके अच्छे से समझते हैं.

टीचर केके राजौरिया कहते हैं कि जब उन्होंने साइंस के प्रति छात्रों के डर को देखा तो ऐसी लैब बनाने का विचार आया, ताकि छात्र आसानी से बिना डरे विज्ञान को समझ सकें, यही वजह है कि उन्होंने स्कूल परिसर में मौजूद तीनों लैब को जोड़कर ऐसी लैब तैयार कर दिए, जो छात्रों को विज्ञान में उस्ताद बनाने में कारगर साबित हो रही है.

इस लैब का फायदा केवल सरकारी स्कूल के छात्र ही नहीं उठा रहे, बल्कि उच्चस्तरीय निजी स्कूलों के छात्र भी यहां आकर विज्ञान की बारीकियां सीख रहे हैं. टीचर केके राजौरिया को ये विज्ञान लैब बनाने के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है. स्कूल के प्रचार्य कहते हैं कि उनका ये कार्य स्कूल के लिए अभूतपूर्व उपलब्धि है.

आज के दौर में जब छात्र विज्ञान की जटिलता से परेशान रहते हैं, उस दौर में शिक्षक केके राजौरिया का ये फार्मूला छात्रों के लिए एक अनोखा प्रयोग है. इस लैब का असर छात्रों के परीक्षा परिणाम पर भी देखने को मिलता है, जहां छात्र कैमिस्ट्री में अच्छे नंबर लाते हैं. ऐसे में इस तरह के प्रयोग सभी स्कूलों में किए जाने चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details