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देशभर में रहस्यमय मंदिरों में शामिल है मुरैना का ईश्वरा मंदिर, आज भी करती है कोई अदृश्य शक्ति पूजा - shiv temple in morena

रहस्यों से भरा यह मंदिर मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थित है. पहाड़गढ़ के जंगल में स्थित ईश्वरा महादेव के नाम से प्रसिद्ध मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र है. मान्यता है कि यहां श्रावण मास के पहले सोमवार को सच्चे मन से जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह पूरी होती है.

ईश्वरा महादेव मंदिर

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Published : Jul 22, 2019, 1:50 PM IST

मुरैना। पहाड़ की तलहटी में बनी इस गुफा में भगवान भोले बाबा के दर्शन के लिए लाखों लोग हर साल आते हैं. शिव के प्रति अपार श्रद्धा भक्ति में लीन ये भक्त उनकी एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार करते हैं, हालांकि आज तक इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति सबसे पहले पूजा नहीं कर पाया. दरअसल यहां सदियों से कोई अदृश्य शक्ति सबसे पहले पूजा करती आ रही है. जब लोग यहां आते हैं, तो उन्हें शिवलिंग पर जल, चावल, चंदन, फूल और बेलपत्र चढ़ा हुआ मिलता है.

ईश्वरा महादेव मंदिर की महिमा अपरंपार


रहस्यों से भरा यह मंदिर मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थित है. मुरैना जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ के जंगल में जिसे ईश्वरा महादेव के नाम से प्रसिद्ध है, जो लाखों लोगों की आस्था का केन्द्र है. मान्यता है कि यहां श्रावण मास के पहले सोमवार को सच्चे मन से जो भी मनोकामना मांगी जाती है वह पूरी होती है, इसलिए आज हजारों भक्त ईश्वरा महादेव की आराधना करने पहुंचे.

पहाड़गढ़ के जंगलों में जहां दूर-दूर तक न कोई गांव है और न ही कोई बस्ती, जहां आने जाने का न सुगम रास्ता है और ना साधन. ऐसे निरजन स्थान पर पहाड़ के निचले हिस्से में एक छोटी सी गुफा है जिसमें छोटे से आकार वाली प्राकृतिक शिवलिंग है इसी कंदरा में ऊपर ही से ही अहर्निश जल निकलता रहता है...जो शिवलिंग का अभिषेक करता है... इस कंदरा के पास एक छोटा सा कुंड भी है जिस में शिव के अभिषेक वाला जल एकत्रित होता रहता है.

रहस्य को पता लगाते लगाए गए थे कैमरे
तत्कालीन पहाड़गढ़ नरेश राजा पंचम सिंह ने इस रहस्य को जानने के लिए पहरे लगाए लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली, वर्तमान समय में भी कई बार कैमरे लगाकर रहस्य का पता लगाने की कोशिश की गई पर कैमरा नहीं काम करना ही बंद कर दिया.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि लोगों का मानना है की शिव की पूजा सिद्ध बाबा करते हैं. तो कई पुराने लोगों का मानना है कि लंकापति रावण का भाई विभीषण यहां पूजा-अर्चना करने आता है.. फिलहाल सच क्या बहै आज तक कोई नहीं जानता..

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