मुरैना।मध्य प्रदेश के मुरैना में प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान वायु सेना के 2 लड़ाकू विमान सुखोई एसयू -30 और मिराज 2000 क्रैश हो गए. रक्षा सूत्रों ने कहा कि, दो विमानों के बीच टक्कर तब हुई जब वे तेज गति से आसमान में लड़ाकू विमान उड़ा रहे थे. सुखोई में 2 पायलट थे, जबकि मिराज में 1 पायलट था. दोनों विमानों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना फ्रंटलाइन पर करती है. सुखोई के दोनों पायलट इजेक्ट होने में कामयाब रहे. उन्हें हेलिकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया. मिराज के पायलट की मौत हो गई, उसके परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है. पहाड़गढ़ के लोगों ने धमाके के बाद जलते हुए विमान को गिरते देख उस जगह पर पहुंचे. यहां आग की लपटों के बीच मलबा बिखरा था. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि, उन्होंने धूल से आग बूझाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए. 2 पायलट पास में पैराशूट के साथ झाड़ियों में फंसे थे, जिन्हें लोगों ने बाहर निकाला है.
विंग कमांडर का रविवार को होगा अंतिम संस्कार: मिराज 2000 में सवार शहीद विंग कमांडर हनुमंत राव सार्थी कर्नाटक के बेलगावी के रहने वाले थे. हनुमंत राव सार्थी अपने पीछे पिता, माता, पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं. वायुसेना प्रशिक्षण केंद्र बेलगावी के अधिकारियों ने हनुमंत राव के घर जाकर घटना की जानकारी परिजनों को दे दी है. घटना से विंग कमांडर हनुमंत राव सार्थी के घर मातम पसरा हुआ है. हनुमंत राव सार्थी के पिता ने भी भारतीय सेना में कैप्टन के रूप में सेवा दी है और उनके भाई प्रवीण भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं. सूत्रों ने बताया है कि, हनुमंन राव सार्थी का पार्थिव शरीर रविवार सुबह विशेष विमान से बेलगावी पहुंचेगा.
प्रत्यक्षदर्शी बोले-गांव केशिवकुमार शर्मा जंगल में मवेशी चरा रहे थे. उन्होंने बताया कि, 'दोनों विमान सुबह 10 बजे आपस में टकराए हैं. एक विमान देखते ही देखते आग का गोला बन गया. कुछ देर में यह विमान तेज धमाके के साथ जंगल में गिर गया. धमाके की आवाज सुनकर इलाके के लोग दहशत में आ गए. चरवाहे दौड़कर पास पहुंचे तो आग की तेज लपट के साथ धुंए का गुब्बारा उड़ रहा था. लोगों ने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी. जानकारी के बाद पहाड़गढ़ और निरार थाना पुलिस मौके पर पहुंची'.
आग से झुलस गए पेड़:प्रत्यक्षदर्शी धीरेन्द्र राठौर टैक्टर चालक हैं. उन्होंने एक विमान को आग के गोले के साथ नीचे गिरते देखा. मौके पर पहुंचने पर देखा कि, भीषण आग लगी थी. आसपास का जंगल जलकर राख हो गया. धीरेन्द्र ने बताया कि, एक प्लेन से दो लोग गिरते हुए दिखाई दिए. दोनों पैराशूट से उतरे थे, जो पेड़ में फंस गए थे. उन्होंने पीने के लिए पानी मांगा. तब दौड़कर धीरेंद्र पानी लेकर आए और उनको पानी पिलाया. प्लेन का जहां मालवा गिरा था, वहां एक पायलेट के शरीर के कुछ हिस्से पड़े थे. प्लेन क्रैश होने के बाद आग से पेड़ झुलस गए. सूचना पाकर जिला प्रशासन की टीम और एयरफोर्स के अधिकारी पहुंचे. उन्होंने अपनी जांच शुरू कर दी.