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चंबल प्रोग्रेस-वे के लिए भू-अर्जन शुरू, किसानों को निजी भूमि के बदले मिलेगी समतल जमीन - Morena News

उत्तर प्रदेश के इटावा से लेकर चंबल से गुजरने वाली महत्वकांक्षी योजना चंबल प्रोग्रेस वे के लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है. 394 किलोमीटर लंबे चंबल प्रोग्रेस वे के लिए 3099 हेक्टयर पर काम होगा. जानिए कैसा होगा चंबल प्रोग्रेस वे...

Chambal Progress Way
चंबल प्रोग्रेस वे

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Published : Jul 31, 2020, 7:50 PM IST

मुरैना। चंबल अंचल के विकास की महत्वकांक्षी योजना चंबल प्रोग्रेस-वे के लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश के इटावा से लेकर चंबल से गुजरने वाला प्रोग्रेस वे राजस्थान के कोटा तक बनाया जाएगा, इसमें कुल 3099 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा. चंबल प्रोग्रेस वे की कुल लंबाई 394 किलोमीटर है. जिसमें से 309 किलोमीटर मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र की है, शेष भूमि उत्तर प्रदेश के इटावा और राजस्थान के कोटा जिले की है.

चंबल प्रोग्रेस वे

चंबल डिवीजन के मुरैना, शिवपुर और भिंड जिले में प्रोग्रेस वे के लिए भू-अर्जन का कार्य भी तीव्र गति से चालू हो गया है. प्रोग्रेस वे में आने वाली किसानों की निजी भूमि का कैंप लगाकर भू-अर्जन किया जा रहा है और बदले में उन्हें समतल भूमि दूसरे स्थानों पर दी जा रही है.

चंबल से गुजरने वाली महत्वकांक्षी योजना है चंबल प्रोग्रेस वे

चंबल संभाग के भिंड, मुरैना और श्योपुर जिले की कुल 3099 हेक्टेयर भूमि चंबल प्रोग्रेस वे के लिए उपयोग में लाई जाएगी. जिसमें 1463.538 हेक्टेयर भूमि शासकीय है तो 1351.50 हेक्टेयर भूमि निजी क्षेत्र की है. जिस पर वर्तमान में किसानों द्वारा खेती की जाती है. तो वहीं 294.011 हेक्टेयर भूमि वन विभाग के रिजर्व क्षेत्र की है.

चंबल अंचल के विकास के लिए बन रहा प्रोग्रेस वे

राजस्व विभाग द्वारा शासकीय भूमि और वन विभाग की भूमि को चंबल प्रोग्रेस वे के लिए परिवर्तित कर दिया गया है. जबकि किसानों की 1351 हेक्टेयर निजी भूमि को ग्रामीण क्षेत्र में ही कैंप लगाकर भू-अर्जन की कार्रवाई को प्रगति से किया जा रहा है.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया होगी निर्माण एजेंसी

आयुक्त चंबल संभाग रविंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि किसानों की भूमि को चंबल प्रोग्रेस वे के लिए परिवर्तित करने अथवा भू अर्जन की कार्रवाई ग्रामीण क्षेत्र में कैंप लगाकर की जा रही है और किसानों को उसके बदले में उतनी ही भूमि दूसरे स्थान पर शासकीय भूमि से देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. चंबल प्रोग्रेस वे का ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है. इससे एमपीआरडीसी के द्वारा तैयार कराया जा रहा है और इसका निर्माण एजेंसी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया होगी.

मध्य प्रदेश सरकार के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री गिर्राज दंडोतिया ने बताया कि किसानों को भूमि के बदले भूमि दी जा रही है और जिन किसानों की उपजाऊ भूमि चंबल प्रोग्रेस वे के लिए ली जाएगी, उन्हें उसी क्षेत्र में कृषि योग्य समतल भूमि दी जाएगी.

विकास की नई नींव रखेगा चंबल प्रोग्रेस-वे

इसके लिए केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रयासों से चंबल के बीहड़ों की भूमि के समतलीकरण के लिए 2500 करोड़ का प्रावधान केंद्र सरकार द्वारा कराया गया है. इसलिए न केवल चंबल के बीहड़ों का समतलीकरण होगा, बल्कि किसानों को दी जाने वाली भूल भी कृषि योग्य बनाकर उन्हें दी जाएगी, ताकि किसी तरह की किसानों को परेशानी ना हों और चंबल प्रोग्रेस वे भिंड से लेकर कोटा तक चंबल में विकास की नई नींव रखेगा.

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