मुरैना। प्रशासन मिलावटखोर कारोबारियों के खिलाफ जितना सख्त नजर आ रहा है, कारोबारी भी प्रशासन पर उससे भारी नजर आते हैं, लगातार मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बावजूद, मिलावटखोरी दिन दूना रात चौगुना तरक्की पर है. इसकी जड़ें शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक फैला हुआ है.
मिलावटखोरी के खिलाफ प्रशासन चल रहा डाल-डाल तो मिलावटखोर चल रहे पात-पात - मिलावटी कारोबार
लगातार प्रशासन की कार्रवाई के बावजूद मिलावट का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. ये शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाके में भी अपनी जड़ें जमा चुका है.
खाद्य सुरक्षा विभाग ने अभी तक लगभग 400 सैंपल लिए है. इनमें से 80 की जांच रिपोर्ट में 37 से ज्यादा सैंपल फेल पाए गए हैं. जिनके विरुद्ध न्यायालय में परिवाद दायर किया गया है तो वहीं 17 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है, इसके अलावा चार पर रासुका लगाकर जेल भेज दिया गया है. खाद्य विभाग के मुताबिक मिलावट का धंधा दूध तक सीमित था, लेकिन मिलावटखोर खाद्य तेल, दाल, गुड़ और मसाले में अपना जाल फेंक रहे हैं.
खाद्य विभाग ने अभी तक जितनी भी कार्रवाई की है. उनमें मावा बनाने वालों के 8 सैंपल लिए गए तो वही सिंथेटिक दूध बनाने वालों के 888, घी के 26 नमूने और पनीर के 23, साथ ही दूध से बनने वाले अन्य उत्पादों की संख्या 9 है.