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कोरोना के साथ जल संकट! शहर की प्यास बुझाने वाली शिवना नदी का जलस्तर घटा

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Published : Aug 20, 2020, 7:10 AM IST

मंदसौर जिले में कोरोना संक्रमण के बाद अब जल संकट की समस्या खड़ी हो गई है. पश्चिमी क्षेत्र मालवा इलाके में मानसून पिछले 15 दिनों से गायब है. जिसके चलते शिवना नदी के तमाम पेयजल स्त्रोत सूख गए हैं.

Water level of Shivna river decreased
शिवना नदी का जलस्तर घटा

मंदसौर। एक तरफ भारी बरसात के दौर में प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में भीषण बाढ़ के हालात हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी क्षेत्र मालवा इलाके में मानसून पिछले 15 दिनों से गायब है. जिले में इस साल अभी तक भरपूर बारिश ना होने से तमाम नदी- नाले अभी तक सूखे पड़े हैं. मंदसौर शहर की प्यास बुझाने वाली शिवना नदी पर बने तमाम जल स्त्रोतों में भी अब पानी खत्म हो गया है. लिहाजा जिले में भीषण जल संकट की समस्या खड़ी हो गई है. नगर पालिका प्रशासन ने इस समस्या से निजात पाने के लिए अब अगले हफ्ते से पेयजल की 4 दिन में एक बार सप्लाई देने का प्लान बनाया है.

रामघाट बैराज में भी पानी खत्म

कम बारिश की वजह से शहर में पेयजल सप्लाई देने वाली शिवना नदी पर बने कंथार, मिर्जापुरा, काला भाटा बांध और रामघाट बैराज में पानी खत्म हो गया है. इन बांधों में अब 1 फीट पानी नहीं बचा है. नगर पालिका प्रशासन अभी तक शहरवासियों को नलों के जरिए 2 दिन में एक बार 20 मिनट तक पेयजल की सप्लाई दे रहा है.

नगर निगम के आगे जल संकट

नगर पालिका अध्यक्ष राम कोटवानी ने सभी अधिकारियों की मीटिंग बुलाकर जल संकट से निपटने के लिए शहर के तमाम जल स्त्रोतों को अधिग्रहित करने के आदेश दिए हैं. वहीं नगर पालिका सीएमओ पीके सुमन ने नदी पर बने तमाम बांधों का निरीक्षण किया. सीएमओ ने नदी के गड्ढों में भरे पानी को बैराज तक पहुंचाने के लिए चार मोटर पंप स्थापित करने के भी अधिकारियों को आदेश दिए हैं.

लोगों से पानी बचाने की अपील

नगरपालिका अध्यक्ष राम कोटवानी ने ईटीवी भारत के जरिए शहरवासियों से जल बचाने की अपील की है. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि, पानी की सप्लाई बराबर रखने के लिए अब शहर के निजी कुओं और बावड़ीयों को भी अधिग्रहित किया जा रहा है.

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