मण्डला। हिरदेनगर में छपरा वाली माता का दरबार में नवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. लेकिन इस मंदिर की अपनी अलग खासियत है. इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है. यहां सिर्फ माता का आसन है. इस मंदिर में न कोई पंडा है और न कोई पुजारी. यहां भक्त खुद ही आते हैं और माता के दरबार में पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं. इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मंदिर के मुख्य प्रांगण में महिलाओं का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. इसके अलावा महिलाएं मंदिर का प्रसाद भी नहीं खा सकती.
इस मंदिर में नहीं जा सकती महिलाएं, मन्नत पूरी होने पर चढ़ाई जाती है बलि
मण्डला से 15 किलोमीटर दूर एक ऐसा माता का मंदिर है जहां महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती है. इस मंदिर में केवल पुरुष ही जा सकते हैं. जबकि भक्तों की मन्नत पूरी होने के बाद यहां बलि चढ़ाई जाती है.
छपरा वाली माता मंदिर
मंदिर में आने वाले श्रध्दालू ने बताया कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां से मांगता है उसकी हर मुराद पूरी होती है. महिलाओं का प्रवेश पर बोलते हुए कहा कि प्राचीन समय से ही इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है. यहां तक कि महिलाएं मंदिर का प्रसाद भी नहीं खा सकती है.
श्रध्दालू ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की मन्नत पूरी होती है तो उसे मंदिर में बकरे की बलि दी जाती है. नवरात्र पर मंदिर में दर्शनों के लिए लोग दूर दूर से यहां आते हैं.
Last Updated : Oct 7, 2019, 12:04 AM IST