मण्डला। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में बच्चेदानी खिसकने के अलावा संक्रमण और ट्यूमर के लक्षण मिले हैं, इसका खुलासा भी तब हुआ, जब जिले में मेगा जांच कैंप लगाया गया था, जिसके बाद एक हफ्ते में करीब 144 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया, कई महिलाओं में 500 ग्राम से लेकर 4 किलो तक के ट्यूमर निकले हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं तक योजनाओं को पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है, जिसके चलते ये महिलाएं बीमारी की जद में आ रही हैं.
ग्रामीण महिलाओं में जागरुकता की आवश्यकता आखिर क्यों हुआ 144 महिलाओं का ऑपरेशन
जिला मुख्यालय में 7-14 नवंबर तक मेगा हेल्थ कैम्प चलाकर एक सप्ताह में कटरा अस्पताल में 144 महिलाओं के ऑपरेशन किये गए. जिन्हें कई सालों से पेट में ट्यूमर था. इन महिलाओं के साथ ही विभाग को भी नहीं पता था कि आखिर ये कितनी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इसका बड़ा कारण ग्रामीण इलाकों में जागरुकता की कमी है.
महिलाओं में जागरुकता की जरुरत
ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को अगर इन सभी बातों को लेकर जागरूक किया जाए तो वो खुद इन गंभीर बीमारियों से बच सकती हैं. वहीं महिलाओं में जागरूकता लाने के लिए अस्पताल में होने वाली डिलेवरी की संख्या 100 प्रतिशत करनी होगी. महिला रोग विशेषज्ञ के अनुसार मंडला जिले की महिलाओं में ये बीमारी बहुत ही ज्यादा चिंता का विषय है, क्योंकि लगातार संक्रमण और अनियमित माहवारी में खून बहने से यहां कुपोषण का प्रतिशत भी महिलाओं में ज्यादा देखा जा रहा है.
जिले में 17% बच्चे कुपोषण
जिले के बच्चों में कुपोषण 17% हैं, वहीं महिलाओं में जागरूकता के आभाव के चलते 7 दिन चलने वाले शिविर में 144 महिलाओं के ऑपरेशन करने पड़ते हैं. ऐसे में महिला एंव बाल विकास विभाग सवालों के घेरे में है क्योंकि सरकार की इतनी सारी योजनाएं इन महिलाओं तक क्यों नहीं पहुंच पर रही. इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.