खरगोन। जिले के आदिवासी संगठन के प्रदेश सचिव ने मध्यप्रदेश सरकार पर शिक्षा नीति में परिवर्तन कर आदिवासी समुदाय को शिक्षा से वंचित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक ओर राजनीतिक सभाएं हो रही हैं, लेकिन स्कूल और कॉलेजों को नहीं खोला जा रहा है. शहरी क्षेत्र के छात्र तो स्मार्टफोन और लैपटॉप के माध्यम से पढ़ाई कर लेते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चे नेटवर्क समस्या, लैपटॉप और स्मार्टफोन के अभाव में शिक्षा से वंचित रह रहे हैं, साथ ही उनकी मांग है कि छात्रावासों में रहने की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए.
'आदिवासियों को शिक्षा से वंचित रखने की साजिश रच रही सरकार' - Tribal community
मध्यप्रदेश सरकार के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में स्कूल एवं कॉलेजों के बंद करने के निर्णय का आदिवासी समुदाय विरोध कर रहा है.
ऑनलाइन पढ़ाई का विरोध
51 महाविद्यालय बंद करने के आदेश का विरोध
आदिवासी संगठन के प्रदेश सचिव मोहन किराड़े ने बताया कि हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने 51 महाविद्यालयों को बंद करने के आदेश दिए हैं. जिसमें खरगोन जिले के आदिवासी बाहुल्य भगवानपुरा एवं सेगावा के महाविद्यालय भी हैं, जो एक वर्ष पूर्व महाविद्यालय स्वीकृत हुए हैं, लेकिन सरकार की दूरदर्शिता के कारण शुभारंभ होने से पहले ही महाविद्यालयों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. जिसके खिलाफ ज्ञापन भी सौंपा है.