खरगोन। कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए देश भर में लगा लॉकडाउन मजदूर वर्ग के लोगों के लिए भारी पड़ रहा है, जो अपने घर से बाहर के प्रांतों में काम करने गए और लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए. इनके पास न तो वहां रहने का ठिकाना है और न ही रोटी का जुगाड़, ऐसे में वो पैदल चल कर ही किसी तरह अपने गांव पहुंचना चाह रहे हैं. ऐसा ही एक मामला आया है खरगोन में. जहां 150 किलोमीटर का पैदल सफर करके मजदूर महाराष्ट्र के धुलिया से अपने घर पहुंच रहे हैं.
महाराष्ट्र के धुलिया से पैदल लौट रहे मजदूर, 150 किमी. पैदल चलने को मजबूर - खरगोन
कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए देश भर में लगा लॉकडाउन मजदूर वर्ग के लोगों के लिए भारी पड़ रहा है, जो अपने घर से बाहर के राज्यों में काम करने गए और लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए.
मजदूरों ने बताया कि दो दिन मजदूरी की, उसके बाद मजदूरी बंद हो गई. दो दिन की मजदूरी तो खर्च हो गई, लॉकडाउन में कोई साधन भी नहीं मिल रहा, ऐसे में उनके पास पैदल सफर करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था. मजदूरों ने बताया की वो महाराष्ट्र के धुलिया से पैदल आ रहे हैं और उन्हें आगे 90 किलोमीटर दूर बड़वाह के सुलगांव जाना है.
जिले में लॉकडाउन की स्थिति का कड़ाई से पालन हो रहा है. ऐसी स्थिति में बाहर मजदूरी करने गए लोगों की मजदूरी बंद होने से 150 किलोमीटर पैदल यात्रा करने को मजबूर हैं. ऐसे में ईटीवी की टीम के साथ कुछ सामाजसेवियों ने इन गरीबों को भोजन पानी उपलब्ध कराया.