खंडवा। कलेक्टर आमतौर पर अपनी विशेष पहल के लिए जाने जाते हैं. कुछ ऐसी ही 'विशेष पहल' खंडवा कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने आदिवासी बच्चों के लिए शुरु की है. अब उनकी पहल पर जिले के आदिवासी बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा हिंदी के साथ-साथ स्थानीय बोली निमाड़ी और कोरकू में दी जाएगी. इससे बच्चों को भाषागत कठिनाई की सामना नहीं करना पड़ेगा और वे बेहतर शिक्षा ले सकेंगे.
कलेक्टर विशेष गढ़पाले की 'विशेष पहल', आदिवासी बच्चों को निमाड़ी और कोरकू में दी जाएगी शिक्षा यहीं नहीं इसमें शिक्षा विभाग तकनीक की मदद भी ले रहा है. बच्चों को यूट्यूब के जरिए गणित और विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे. ऑडियो विजुअल में पढ़ाने का उद्देश्य बच्चों में सीखने के प्रति ललक पैदा करना है. इसकी पहल कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने जिला शिक्षा एंव प्रशिक्षण केंद्र के जरिए की है.
कलेक्टर के मुताबिक शिक्षक हिंदी और अंग्रेजी में पढा़ते हैं, इसलिए क्षेत्र के आदिवासी बच्चे ठीक से समझ नहीं पाते थे. इसलिए उन्होंने यह नवाचार शुरु किया है. इसके लिए भाषाओं के एक्सपर्ट और अध्यापकों की टीम ने हिंदी शब्दों को निमाड़ी और कोरकू में ट्रांसलेट किया है. साथ ही बीते दो महिनों से कई वीडियोज भी तैयार कराएं गए हैं.
इन विडियोज में नैतिक शिक्षा और रोजमर्रा में उपयोग आने वाली चीजों पर ज्यादा जोर दिया गया है, ताकि बच्चे देख कर बेहतर तरीके से चीजों को समझ और सीख सके. हालांकि अब ये देखना लाजमी होगा की कलेक्टर गढ़पाले का यह नवाचार नए शैक्षणिक सत्र में कितना कारगर साबित होता है.