चारों ओर गंदगी, खराब हैंडपंप, जर्जर भवन, ये है नंदकुमार चौहान के गोद लिए गांव का सूरते हाल, दिया बेतुका तर्क - गंदगी
पांच साल पहले बीजेपी सांसद नंदकुमार चौहान ने आरुद गांव को गोद लिया था. पांच साल का वक्त बीतने के बाद गांव के क्या हालत है, देखिये खास रिपोर्ट
खंडवा। हमारे सांसद नंदू भैया को पता नहीं है कि आदर्श ग्राम होता क्या है. सांसद महोदय बड़ी-बड़ी गाड़ियों बैठकर यहां आते हैं, दाल-बाटी खाते हैं और चले जाते हैं. किसी गरीब का हाल उन्होंने आज तक नहीं जाना. गांव में गंदगी का अंबार लगा है, जो पैसा आता है, उसका पता नहीं चलता.
बीजेपी सांसद नंदकुमार चौहान से खफा ये शख्स उस गांव का है, जिसे नंद कुमार चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी 'आदर्श ग्राम' योजना के तहत सांसद बनने के बाद गोद लिया था. जब नंदकुमार चौहान द्वारा आरूद गांव को गोद लिया गया था, तब यहां के बाशिंदों को आस जगी थी कि अब आरूद की सूरत बदलेगी, लेकिन पांच साल गुजर जाने के बाद भी आरूद गांव के लोगों को जरूरी सुविधाओं का इंतजार है. गांव में विकास के नाम पर चारों तरफ फैली गंदगी, खाली पड़े हैंडपंप, कच्ची सड़कों पर बहता पानी और जर्जर हो चुका यात्री प्रतीक्षालय है. गांव की ये सूरत सांसद नंदकुमार चौहान के आदर्श गांव की हकीकत बताने के लिए काफी है.