खंडवा। सरकारी अस्पताल आए दिन अव्यवस्थाओं के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं. जिला अस्पताल में आलम ये है कि मरीजों को पर्याप्त चेकअप भी मुहैया नहीं किया जाता है. मरीज को ये कहकर सोनोग्राफी की जांच के लिए मना कर दिया जाता हैं कि यहां जांच सिर्फ गर्भवती महिलाओं की ही होगी. जिन्हें निजी लैब में जांच करानी हैं वो इंदौर जाकर करवा लें.
जिला अस्पताल में पिछले तीन महीने से सोनोग्राफी की जांच नहीं हो रही हैं. जिससे चलते मरीजों को मजबूरन निजी पैथोलॉजी से 800 रूपये देकर जांच करवानी पड़ रही हैं. जिन मरीजों के पास इतने पैसे नहीं हैं वे बिना जांच के घर लौट जाते हैं. यह हाल इसलिए है क्योंकि रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर को लकवे की बीमारी हैं और तीन महीने यहां कोई डॉक्टर नही है. अस्पताल प्रशासन ने आउटसोर्सिंग कर एक निजी डॉक्टर को यहां नियुक्त तो कर दिया हैं, लेकिन यहां जांच सिर्फ गर्भवती महिलाओं की ही हो रही हैं.