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कमलनाथ पैसों को रोना रोते रहे, मैं कहता हूं कोई कमी नहींः सीएम शिवराज

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंधाता के मूंदी में चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पूर्व की कमलनाथ सरकार पर चुटले तंज कसे. पढ़ें पूरी खबर...

CM Shivraj Singh Chauhan
सीएम शिवराज सिंह चौहान

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Published : Oct 8, 2020, 11:07 PM IST

खंडवा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मांधाता के मूंदी में बीजेपी उम्मीदवार नारायण पटेल के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया. मुख्यमंत्री ने पूर्व की कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि, 15 महीने की कमलनाथ की सरकार ने प्रदेश को सत्यानाश और तबाह कर दिया था. बेटियों को विवाह के 51 हजार नहीं दिए और बच्चों से लैपटॉप भी छीन लिया. प्रदेश में जनकल्याणकारी योजनाओं को कमलनाथ ने बंद कर दिया था. किसानों का कर्ज भी नहीं माफ किया. उन्होंने कहा कि, कमलनाथ ने कागज पर 6 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया. किसानों को खाली प्रमाण पत्र बांट दिए. लेकिन पैसे नहीं दिया. बैंक वालों ने मुझसे गुहार लगाई तब मैंने 800 करोड़ रुपए दिए. उन्होंने कमलनाथ पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, दुष्टता करना तो कोई कमलनाथ से सीखे.

सीएम शिवराज सिंह चौहान

'कमलनाथ पैसों का रोना रोते रहे'

उन्होंने कहा कि, 'जितने विकास के काम हमारी सरकार ने पिछले 15 सालों में किए हैं. उतने कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी नहीं किए हैं. 15 महीने की सरकार में कमलनाथ कहते रहे कि पैसा नहीं है... पैसा नहीं है... रोते रहते थे. आरोप लगाते थे कि, सारे पैसे मामा ले गया. अब मैं कहता हूं, कमी नहीं है... कमी नहीं है... कमलनाथ जनता को मूर्ख बनाते हैं.

'ये चलो-चलो का परिणाम'

नारायण पटेल, कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलते थे, तब उन्हें 'चलो-चलो' कहा जाता था. अब नारायण ने उन्हें ही 'चलो चलो' कर दिया. सिंधिया की पूरी टीम हमारे पास आ गई. और नारायण पटेल भी नारायण... नारायण... करते हुए हमारे पास आ गए.

बीजेपी को है यहां भितरघात का खतरा

सीएम शिवराज सिंह चौहान की मांधाता विधानसभा क्षेत्र में पिछले 15 दिनों में ये दूसरी जनसभा थी. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज यहां बीजेपी का डैमेज कंट्रोल करने आए थे. क्योंकि पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे नरेंद्र सिंह तोमर को मनाने के लिए आए थे. कुछ दिन पूर्व नरेंद्र सिंह तोमर ने सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के सामने ही अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. जिससे जिले में बीजेपी संगठन को आपसी भितरघात का डर सता रहा था. जिसके चलते मुख्यमंत्री को खुद डैमेज कंट्रोल करने आना पड़ा.

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