झाबुआ।एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों और शहरों को साफ-सुथरा बनाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत माने जाने वाली बामनिया के रहवासी सालों से गंदगी में जीवन बसर कर रहे हैं. यहां के लोगों ने इस समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय ग्राम पंचायत से लेकर जनपद और एसडीएम कार्यालय के दर्जनों बार चक्कर काट चुके हैं. इसके बावजूद गंदगी से निजात नहीं मिली.
झाबुआ में गंदगी से परेशान रहवासी, नहीं हो रहा समस्या का समाधान - Gram panchayat bamnia
आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत माने जाने वाली बामनिया के रहवासी सालों से गंदगी में जीवन बसर कर रहे हैं.
ग्राम पंचायत बामनिया के वार्ड क्रमांक 20 में दर्जनों परिवार गंदगी से परेशान हो रहे हैं. यहां इन परिवारों में रहने वाले छोटे बच्चे गंदगी के चलते बीमार हो रहे हैं. इसके बावजूद ग्राम पंचायत इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. वार्डवासियों का कहना है कि उन्होंने अपनी समस्या के संबंध में कई बार सरपंच को भी अवगत कराया, लेकिन सरपंच और तमाम जिम्मेदार जनप्रतिनिधि उनकी समस्या जानकर भी अनजान बनने का ढोंग करते हैं. गंदगी के चलते न तो पंचायत के सफाई कर्मचारी वहां सफाई के लिए आते हैं और कच्ची सड़क के कारण पानी का टैंकर भी उनके वार्ड तक नहीं पहुंच पाता है.
वार्ड वासियों का कहना है कि सांसद गुमान सिंह डामोर से भी अपनी समस्या बताई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पिछले डेढ़ साल से अपने वार्ड में नाली और सड़क बनाने के लिए पत्राचार और सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत कर रहे हैं. अब नवागत जिला पंचायत सीईओ से उम्मीद है. वर्षा के दौरान गंदगी के चलते होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए ग्राम पंचायत जल्द ही उनके क्षेत्र में सड़क और नाली का निर्माण कराएं, ताकि उन्हें राहत मिल सके.