भोपाल। झाबुआ उपचुनाव में मतदान के ठीक पहले कर्ज माफी का मुद्दा बड़ा मुद्दा बन गया है. बीजेपी ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश की थी, लेकिन बीजेपी अब अपने ही फेंके हुए जाल में फसती नजर आ रही है. कांग्रेस लगातार बैंक रिकॉर्ड और दस्तावेज के साथ कर्ज माफी के प्रमाण पत्र भी पेश कर रही है. इन परिस्थितियों में ऐसा लग रहा है कि चुनाव के अंतिम दौर पर बीजेपी कर्ज माफी के मुद्दे पर घिर गई है.
झाबुआ उपचुनाव में छाया कर्जमाफी का मुद्दा, दोनों पार्टियों के नेता कर रहे जमकर बयानबाजी
झाबुआ उपचुनाव में मतदान के ठीक पहले कर्जमाफी के मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की थी, लेकिन बीजेपी अब अपने ही फेंके हुए जाल में फंसती नजर आ रही है.
मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शहरयार खान का कहना है कि बीजेपी हो या बीजेपी के प्रत्याशी हों. झूठ बोलने का शगल इन के वरिष्ठ नेताओं का है और इसी राह पर बीजेपी के प्रत्याशी चल पड़े हैं. बीजेपी के प्रत्याशी की माताश्री का एक लाख तीन हजार का कर्ज माफ हुआ है. यह बैंक का रिकॉर्ड है, कांग्रेस पार्टी का नहीं है. उनके खाते में जो पैसा गया है, वह रिकॉर्ड है. अब उनके पिताजी का कर्ज माफी का रिकॉर्ड सामने आया है. यह साफ जाहिर है कि कमलनाथ सरकार की कर्ज माफी चाहे शिवराज सिंह का परिवार को या बीजेपी प्रत्याशी का परिवार को दोनों ने लाभ लिया है. यह मध्य प्रदेश की जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसान कर्ज माफी का पैसा नहीं पहुंचा है. यह उस तरफ इशारा है कि बीजेपी के नेता निरंतर झूठ बोलो, बार बार बोलो, जोर से बोलो, गुमराह करो. पिछले 15 साल से यही कर रहे थे. अब 10 महीने से यही कर रहे हैं.
बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि झूठ, प्रपंच और पाखंड कांग्रेस का परिचय है. यह सरकार में बैठे या कहीं और बैठे हैं, केवल और केवल दुष्प्रचार खड़े करना प्रोपेगंडा खड़े करना इनका काम है. जो वादा किया, वह निभाया नहीं. जनता के साथ उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना, यह उनका शगल बन चुका है, इनका स्वभाव बन चुका है. भ्रष्टाचार जिनका लगातार कृत्य रहा हो, जिनके निकम्मेपन को मध्य प्रदेश भोग रहा हो, वह कर्ज माफी को लेकर किसके विरोध में बात कर रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और लक्ष्मण सिंह जो इन्हीं पार्टी के नेता हैं. वह खुलेआम कहते हैं कि हमने कर्ज माफ नहीं किया. राहुल गांधी को माफी मांगना चाहिए. कांग्रेस जिस प्रकार की राजनीति मध्यप्रदेश में कर रही है, वह निहायती घटिया किस्म की राजनीति है.