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Cow Hug Day: वैलेंटाइन डे पर मनाएं काउ हग डे, स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने की अपील

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Published : Feb 9, 2023, 7:01 PM IST

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने 14 फरवरी जिस दिन वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, उस दिन काउ हग डे मनाने की अपील की है. वहीं गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने भी इस दिन को काउ हग डे के तौर पर मनाने की अपील की है.

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स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज ने की अपील

जबलपुर।14 फरवरी को पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे बनाती है, लेकिन भारत में वैलेंटाइन डे की जगह अब आलिंगन दिवस (काऊ हग डे) मनाने की अपील की जा रही है. भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा हाल हाल ही में की गई इस अपील का असर यह है कि अब मध्य प्रदेश गोपालन एवं पशु संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेश्वरानंद महाराज ने भी मध्यप्रदेश में लोगों से गौ आलिंगन दिवस मनाने की अपील कर दी है.

क्या बोले स्वामी अखिलेश्वर आनंद गिरि महाराज: स्वामी अखिलेश्वर आनंद गिरि महाराज का कहना है कि भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है. ऐसी स्थिति में युवा मार्ग से ना भटके, इसलिए 14 फरवरी को लोगों को आलिंगन दिवस मनाना चाहिए. इस दिन लोग गायों को गले लगाएं, उन्हें प्रेम और स्नेह दें. साथ ही उनके खान-पान की व्यवस्था करें. भारतीय परंपरा भी कहती है कि गाय को एक रोटी जरूर देना चाहिए. लिहाजा 14 फरवरी से ही यह शुरुआत की जा सकती है. आलिंगन दिवस मनाने से गायों के प्रति लोगों का प्यार बढ़ेगा और लोग गायों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए संकल्पित होंगे.

Valentine Week 2023: इस 14 फरवरी को 'काउ हग डे' के तौर पर मनाएं लोग, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की अपील

काउ हग डे मनाने क्यों की अपील: बता दें भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने एक नोटिस जारी कर लोगों से 14 फरवरी को 'काउ हग डे' मनाने की अपील की है. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी है. गौरतलब है कि हर साल 14 फरवरी को 'वैलेंटाइन डे' मनाया जाता है. पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत आने वाले बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, 'सभी गाय प्रेमी गौ माता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तथा जिंदगी को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए 14 फरवरी को काउ हग डे मना सकते हैं. नोटिस में कहा गया है कि गायों को गले लगाने से 'भावनात्मक संपन्नता' आएगी और 'सामूहिक प्रसन्नता' बढ़ेगी. इसमें यह भी कहा गया है कि वैदिक परंपराएं 'पश्चिमी संस्कृति की प्रगति' के कारण लगभग 'विलुप्त होने के कगार' पर हैं और 'पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति तथा विरासत को लगभग भुला दिया है.' अधिकारियों ने बताया कि सक्षम प्राधिकरण की स्वीकृति से नोटिस जारी किया गया है

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