जबलपुर। जिला अस्पताल में भर्ती कोरोना का संदिग्ध मरीज बीती रात आइसोलेशन वार्ड से बिना किसी को बताए फरार हो गया, इसकी जानकारी जैसे ही अस्पताल प्रबंधन को मिली, अस्पताल में हड़कंप मच गया. जिसके तुरंत बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस को सूचना दी. करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने संदिग्ध को ढूंढ़ निकाला. युवक सुहागन आभूषण में काम करता था और अपने मालिक मुकेश अग्रवाल के संपर्क में रहने के चलते उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था.
जिला अस्पताल से फरार कोरोना का संदिग्ध मरीज, घंटों बाद पुलिस ने खोज निकाला
जबलपुर के जिला अस्पताल में भर्ती संदिग्ध बीती देर रात अस्पताल से भाग गया. सूचना मिलने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम सख्ते में आ गई. काफी खोजबीन के बाद आखिरकार टीम ने संदिग्ध को खोज निकाला.
देर रात जब डॉक्टर आइसोलेशन वार्ड में राउंड लगाने पहुंचे तो संदिग्ध युवक उन्हें बेड पर नहीं मिला. जिसके बाद जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनीष मिश्रा को इसकी सूचना दी गई. उन्होंने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. लिहाजा विभाग के दूसरे अधिकारियों ने संजीवनी नगर थाना पुलिस को इसकी सूचना दी, युवक संजीवनी नगर में रहता था, इसलिए कयास लगाए जा रहे थे कि वह अपने घर चला गया होगा. पुलिस युवक की तलाश में उसके घर पहुंची. जहां वह अपने परिजनों के साथ मौजूद था.
पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को युवक के विषय में सूचना दी है, जिसके बाद मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक को एक बार फिर जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया है. इस घटनाक्रम में स्वास्थ्य विभाग की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है क्योंकि इतने गंभीर आइसोलेशन वार्ड में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी को जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने तैनात नहीं किया है. यही वजह है कि अस्पताल से मरीजों के भागने की घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं.