जबलपुर। प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी सरकार का दिया आश्वसन आज तक पूरा नहीं हो पाया. जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने संजय बर्मन को सरकारी नौकरी देने का आश्वसन दिया था. संजय अब तक सैकड़ों लोगों को नर्मदा में डूबने से बचा चुके हैं. जिसको देखते हुए तत्कालीन सीएम उमा भारती ने उन्हें सरकारी नौकरी का आश्वसान दिया था. लेकिन साल बीतने के साथ ही नौकरी का इंतजार बढ़ता गया और अब 15 साल हो गए हैं लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली.
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित नाविक को 15 साल से नौकरी का इंतजार बहादुरी के लिए मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार
नाविक संजय बर्मन को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है. इसी दौरान तत्कालीन सीएम उमा भारती ने संजय को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रक्रिया भी शुरू की गई,फाइल भी बनी. लेकिन ये फाइल सरकारी दफ्तरों में दबकर रह गई.
वित्त मंत्री से लगाई गुहार
संजय वर्मन ने बताया नौकरी के लिए फाइल लेकर कलेक्टर से लेकर मंत्रियों तक गुहार लगा चुके हैं. सीएम उमा भारती का आदेश भी बताया पर नौकरी नहीं मिल सकी है. 15 साल बाद सरकार बदली है. प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट जबलपुर के ही हैं, तो एक बार फिर संजय ने नौकरी के लिए वित्त मंत्री के यहां अर्जी लगाई है. अब देखना होगा कि क्या सरकार बदलने के बाद संजय बर्मन के दिन भी बदलते है या फिर ऐसे ही नाव चलाकर अपने परिवार को पालना होगा.