जबलपुर/कटनी।जबलपुर के सिहोरा और कटनी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की सभा का आयोजन किया गया. राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों से 26 मार्च को भारत बंद करने की अपील की है.
महापंचयात में 10हजार लोग थे मौजूद
जबलपुर की सिहोरा में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में एक बड़ी किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. इस किसान महापंचायत में बीजेपी के पुराने नेता, कांग्रेस के नेता और वामपंथी दलों के लोगों के साथ बड़ी तादाद में किसान शामिल हुए. इस महापंचायत में लगभग 10000 लोग मौजूद थे. महापंचायत का आयोजन सिहोरा कृषि उपज मंडी में किया गया था.
प्रेस कॉफ्रेंस करते राकेश टिकैत 26 मार्च को भारत बंद की अपील
किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए सरकार को बाध्य करने के लिए 26 तारीख को भारत बंद किया जाएगा. किसानों को इस बंद का समर्थन करना चाहिए. राकेश टिकैत ने अपने भाषण के दौरान किसानों से अपील की है कि जिस तरीके से दिल्ली में किसान धरने पर बैठे हैं. इसी तरीके से उसी आंदोलन से जुड़कर लोगों को अपने गांव में धरना देना चाहिए.
MSP से नीचे किसान ना बेचें अनाज
वहीं अगर किसान अपना अनाज मंडी में बेचने जा रहा है तो उसे मिनिमम सपोर्ट प्राइस( MSP) से नीचे अपना अनाज नहीं बेचना चाहिए. यदि मंडी में मिनिमम सपोर्ट प्राइस ना मिले तो फिर किसानों को अपना माल कलेक्ट्रेट में ले जाकर बेचना चाहिए. इस तरीके से वे आंदोलन को मदद पहुंचाएंगे.
किसान महापंचायत में बोले टिकैत,- कानून वापसी के लिए आंदोलन करेगा किसान
बीजेपी को भी कराना चाहते हैं आजाद
इस दौरान टिकैत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों ने बीजेपी को हाईजैक कर लिया है. इसीलिए बीजेपी के बड़े नेता मसलन आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की बात नहीं सुनी जा रही है. दरअसल राकेश टिकैत की सभा के कुछ बैनर पोस्टर सिहोरा में लोगों ने फाड़ दिए थे. इस पर राकेश टिकैत का कहना है कि वह तो भारतीय जनता पार्टी को भी आजाद करवाना चाहते हैं.
सभा में मौजूद राकेश टिकैत हालांकि इस सभा में कांग्रेस के छोटे बड़े तमाम नेता मौजूद थे. पूरा आयोजन कांग्रेस में नजर आ रहा था, लेकिन यदि सिर्फ कांग्रेसी इस आयोजन को कर रहे होते तो इतनी भीड़ यहां नहीं हो सकती थी. इसलिए भले ही किसान आंदोलन पर यह आरोप हो की इसे विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन ऐसा नहीं है. बल्कि इस कानून को लेकर जनता में आक्रोश है.
कटनी में टिकैत की सभा
वहीं दौरे के दूसरे दिन राकेश टिकैत अल्प प्रवास पर कटनी भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को 100 दिन से ज्यादा हो चुके हैं, 5 लाख से ज्यादा लोग दिल्ली में हैं. दिल्ली को चारों तरफ से घेर रखा है, अभी सरकार मिल नहीं रही है ,दिल्ली में सरकार गायब हो गई है, सरकार किसी पार्टी की नहीं बल्कि बड़ी कंपनियां सरकार चला रही है.
एक नई विचारधारा ले जन्म
टिकैत ने कहा कि हमारे साथ सब पार्टी के लोग हैं, लिहाजा देश में एक नई विचारधारा जन्म ले. उसी विचारधारा में काम करें,जो लोग गरीब की सुने. उन्होंने कहा कि यह रोटी का व्यापार नहीं चलेगा. देश की,गरीब की रोटी तिजोरी में बद नहीं होने देना है, रोटी को व्यापार की वस्तु नहीं बनने देना है. हम चुनाव से बहुत दूर हैं. पॉलिटिकल पार्टी से देश का भला नहीं होने वाला. देश की आजादी को 90 वर्ष लगे, यह तो किसान की आजादी की लड़ाई है. मजदूर की आजादी की लड़ाई है. यह नौजवान की आजादी की लड़ाई है. उनके रोजगार का सवाल है, देश बिखरा है और पूरा देश बिकेगा, इस देश को अगर बचाना है तो नौजवानों को सोना छोड़ना होगा, आंदोलन के रास्ते पर आना होगा.