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Fake Remdesivir Injection केसः जबलपुर पुलिस को मिली गुजरात के चार आरोपियों की रिमांड

Fake Remdesivir Injection की फैक्ट्री बनाकर पूरे देश मे सप्लाई करने वाले गिरोह का गुजरात पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. जिसके बाद इस अपराध की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी है. गुजरात ने चार आरोपी को इस अपराध में आरोपी बनाया. वही मध्य प्रदेश पुलिस ने इस मामले से जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

Four accused in fake Remdesivir case came to Jabalpur
नकली रेमडेसिविर मामले में चार आरोपी जबलपुर आए

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Published : Jun 17, 2021, 7:45 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 10:06 PM IST

जबलपुर।Fake Remdesivir Injection कांड में अभी तक जबलपुर पुलिस ने सिटी अस्प्ताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा और उसकी पत्नी-बेटे सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. वहीं अब गुजरात से 4 अन्य आरोपियों को जबलपुर लाया गया है. सपन जैन, कौशल वोरा, पुनीत शाह और सुनील मिश्रा को गुरुवार को जिला न्यायालय में पेश किया गया. जहां पर न्यायालय से पुलिस को पूछताछ के लिए आरोपियों की चार दिन की रिमांड मिली है. पुलिस को उम्मीद है कि इन चारों से पूछताछ के दौरान केस से जुड़ी अहम जानकारी मिल सकती है.

नकली रेमडेसिविर मामले में चार आरोपी जबलपुर आए
  • गुजरात से लाए आरोपियों का मोखा से होगा आमना-सामना

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में मध्य प्रदेश और गुजरात पुलिस ने अभी तक 10 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें सिटी हॉस्पिटल संचालक सरबजीत सिंह मोखा, उसकी पत्नी सिमरत कौर मोखा, बेटा हरकरण सिंह मोखा, सिटी अस्पताल मैनेजर सोनिया खत्री, फार्मासिस्ट देवेश चौरसिया, एमआर राकेश शर्मा है, जो कि वर्तमान में जेल में है. इधर अब चार आरोपी सपन जैन, सुनील मिश्रा, कौशल वोरा और पुनीत शाह को गुजरात से जबलपुर लाया गया है. पुलिस रिमांड मिलने के बाद अब मोखा से इन आरोपियो का आमना-सामना करवाया जाएगा.

नकली रेमडेसिविर मामले में पुलिस का बड़ा खुलासा, 200 मरीजों को लगे इंजेक्शन

  • सबसे पहले पुलिस की गिरफ्त में आया था सपन जैन

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले का खुलासा गुजरात पुलिस ने एक मई को किया. जब इंजेक्शन की खरीद फरोख्त में अधारताल निवासी सपन जैन का नाम आया. जिसके बाद गुजरात पुलिस छह मई को जबलपुर पहुंचकर सपन जैन को गिरफ्तार किया. इसके बाद सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा ने 500 नकली इंजेक्शन खरीदने की जानकारी पुलिस को मिली. नकली इंजेक्शन की खेप 23 और 27 अप्रैल को जबलपुर लाई गई थी. जांच में यह भी बात सामने आई है कि अभी तक 171 मरीजों को 209 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए है, जिनमें नौ मरीजों की मौत हो चुकी है.

  • ये हुआ था पूरा घटनाक्रम

8 मई को भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के मामले में गुजरात पुलिस जबलपुर से गिरफ्तार करके ले गई थी. ओमती पुलिस ने भी भगवती फार्मा लाइसेंस धारी सपन जैन निवासी आशा नगर अधारताल और सिटी अस्पताल के कर्मचारी देवेश चैरसिया, क्षितिज राय, यस मेहंदी और विजय सहजवानी को पूछताछ के लिए तलब किया था. पूछताछ के बाद यह बात सामने आई कि अंबे ट्रेवल्स के माध्यम से इंदौर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर आए थे. सिटी अस्पताल के संचालक सबरजीत सिंह मोखा के कहने पर देवेश चैरसिया ने ट्रांसपोर्ट से नकली रेमडेसिविर के कार्टून लेकर सिटी अस्पताल रखे थे. दवाओं का भुगतान सपन जैन कर रहा था. थाना बी डिवीजन जिला मोरबी गुजरात ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री से नकली इंजेक्शन जब्त किए. उसी फैक्ट्री से बने नकली इंजेक्शन इंदौर से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सिटी अस्पताल जबलपुर गए थे, जिनसे अस्पताल के संचालक सबरजीत मोखा ने अपने सहयोगियों के साथ षडयंत्र पूर्वक कोविड-19 के दौर में मरीजों के साथ छल कर अवैध लाभ अर्जित किया था.

Fake Remedisvir Case : गुजरात से जबलपुर लाए गए चारों आरोपी, पूछताछ में हो सकते हैं बड़े खुलासे

  • गुजरात पुलिस ने इन धाराओं के तहत किया मामला दर्ज

सिटी अस्पताल के संचालक सबरजीतसिंह मौखा, सपन जैन, देवेश चैरसिया और अन्य के खिलाफ ओमती पुलिस ने धारा 274, 275, 308, 420, 120 बी भादवि, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 3 महामारी अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था.

Last Updated : Jun 17, 2021, 10:06 PM IST

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