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एक बार फिर भौतिक रुप से कोर्ट में सुनवाई शुरु, जमकर हुआ कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशों पर सोमवार से एक बार फिर भौतिक तरीके से सुनवाई शुरू हुई. इस दौरान जबलपुर हाईकोर्ट में लोगों ने जमकर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया.

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जबलपुर हाईकोर्ट

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Published : Nov 23, 2020, 10:12 PM IST

जबलपुर। अब तक आमतौर पर प्रदेश की जिला और परिवारिक कोर्टों में भौतिक तरीके से मामलों की नियमित सुनवाई हो रही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोर्ट में सुनवाई बंद कर दी गई थी. अब धीरे-धीरे अनलॉक के तहत सब कुछ फिर से शुरु किया जा रहा है. ऐसे में कोर्ट में भी एक दिन छोड़कर एक दिन भौतिक तरीके से सुनवाई का फैसला लिया गया है. सोमवार को कोरोना काल में पहला दिन रहा, जब कोर्ट में भौतिक तरीके से सुनवाई हुई. पहले दिन कोर्ट में ज्यादा भीड़ देखी गई. वहीं लोगों ने जमकर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन भी किया.

सोमवार से सुनवाई शुरू

हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सोमवार से जिला और कुटुंब कोर्ट में भौतिक सुनवाई शुरू हुई. जिला कोर्ट में एक दिन के अंतराल में भौतिक सुनवाई के निर्देश दिए गए थे. जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि, जिला न्यायालय के किसी गेट में पुलिस व्यवस्था नहीं थी. न्यायाधीश और अधिवक्ताओं के लिए निर्धारित गेट नंबर- 1 से लोग आ-जा रहे थे. संघ के पदाधिकारियों ने गेट पर तैनात होकर आने वाले लोगों को सैनिटाइज किया. किसी भी गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी. बड़ी संख्या में लोगों के आने से कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा था.

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने तय की समय सीमा

हाईकोर्ट ने अपने अधिनस्थ सभी कोर्टों में निर्धारित संख्या में प्रायौगिक तौर पर 23 नवंबर से 5 दिसंबर तक भौतिक तरीके से प्रकरणों की नियमित सुनवाई के निर्देश दिए थे. सुनवाई के लिए 11 श्रेणी के प्रकरणों को चिन्हित किया गया है. सुनवाई के लिए जमानत, सुपुर्दनाम, सिविल और क्रिमनल प्रकरणों की अपील और रिव्यू, जेल निरूध्द कैदियों के ट्रायल, मोटर व्हीकल एक्ट के पेमेंट संबंधित प्रकरण शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने जिन प्रकरणों की सुनवाई के लिए समय सीमा निर्धारित की है, उनमें पांच साल से पहले के लंबित मामले और त्वरित सुनवाई के लिए दायर प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी. हर एक कोर्ट में सुनवाई के लिए कितने प्रकरणों को प्रस्तुत किया जाए, इसका चयन जिला और सत्र न्यायाधीश करेंगे.

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