जबलपुर। जबलपुर में खाद वितरण में हुई गड़बड़ी को लेकर सीएम शिवराज खासे नाराज हैं. अफसरों की आपात मीटिंग बुलाकर मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहनकर्ताओं द्वारा निर्धारित स्थानों पर आपूर्ति कम की गई और कई स्थानों पर बिल्कुल भी खाद की आपूर्ति नहीं की गई है. सीएम ने जबलपुर के कलेक्टर और कमिश्नर से सवाल किया कि आखिर यह इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो गई और वह क्या करते रहे? गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भी जमकर फटकार लगाई.
गायब यूरिया वेयर हाउस से बरामद ट्रेन से पहुंचा था यूरिया का स्टॉक :बता दें कि 6 अगस्त को रेल रैक के ज़रिए यूरिया का स्टॉक जबलपुर पहुंचा था. जबलपुर से यूरिया सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह की सहकारी समितियों में भेजा जाना था. लेकिन तीन करोड़ रुपए से अधिक का 890 मीट्रिक टन यूरिया ग़ायब कर दिया गया. मार्कफ़ेड ने 25 अगस्त को अलग- अलग ज़िलों के लिए यूरिया आवंटित किया था. लेकिन इस बीच यूरिया गायब कर दिया गया. सीएम की फटकार के बाद पुलिस व प्रशासन की टीमों ने जबलपुर में खजरी खिरिया बायपास स्थित गायत्री वेयर हाउस से यूरिया बरामद कर लिया.
कंपनी की कार्यप्रणाली पर सवाल : जबलपुर में खाद वितरण की जिम्मेदारी 7 कंपनियों को सौंपी गई है. इनमें से एक कृप्पो फर्टिलाइजर लिमिटेड भी है. इस कंपनी ने खाद वितरण के परिवहन की जिम्मेदारी अपने स्तर पर एक दूसरी कंपनी बीपीएनके फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड को अलग से नियुक्त कर दिया. जबलपुर में 25 अगस्त को खाद का रैक लगा था. इस यूरिया को विपणन केंद्रों को पहुंचाने के स्थान पर 28 से 31 अगस्त के बीच फर्टिलाइजर कंपनी ने यूरिया निजी स्थानों पर इसकी सप्लाई कर दी.
CM Shivraj Emergency Meeting जबलपुर खाद वितरण में गड़बड़ी पर CM ने बुलाई आपात बैठक, अधिकारियों को लगाई फटकार
अधिकारियों के पास जवाब नहीं : अब अधिकारी इस मामले में जांच की बात कर रहे हैं. दरअसल 25 अगस्त को ट्रेन के जरिए करीब 26 सौ मीट्रिक टन यूरिया जबलपुर आया. नियमों के मुताबिक इसका 70 फीसदी हिस्सा यानी करीब 1852 मीट्रिक टन यूरिया मंडला, डिंडोरी, सिवनी और दमोह भेजा जाना था. लेकिन तय की गई मात्रा के बदले महज 10 से 25 प्रतिशत की यूरिया इन जिलों में पहुँचा.