जबलपुर।हाईकोर्ट सुजय पॉल तथा बीके द्विवेदी ने आरोपियों की उम्र तथा उसमें सुधार व पुनर्वास की संभावना को देखते हुए मृत्युदंड की सजा अंतिम सांस तक आजीवन कारावास में तब्दील की है. अभियोजन के अनुसार गोरखपुर थानान्तर्गत सांई कॉलोनी निवासी गोलू कुशवाहा का पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार विनय कुशवाहा से नाली के पानी की निकासी को लेकर विवाद हो गया था. 14 जून 2021 की रात लगभग 11 बजे गोलू अपने घर पर खाना खा रहा था. तभी आरोपी विनय कुशवाहा, रवि कुशवाहा तथा राजा कुशवाह बाउंड्री कूदकर उनके घर में आये और पत्नी रुचि पर चाकू से हमला कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने गोलू तथा उसके बेटे प्रतीक पर भी चाकू से हमला कर दिया. Life imprisonment in double murder
चाकू व लाठियों से हमला :इसके बाद उसका भाई पुष्पराज तथा उसकी पत्नी नीलम बीचबचाव करने आए तो आरोपियों ने उन पर भी चाकू व लाठियों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गये. घायलों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने पुष्पराज तथा उसकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में चालान पेश किया था. प्रकरण की सुनवाई के बाद पेश किये गये साक्ष्य व गवाहों को आधार पर न्यायालय ने आरोपियों दोषी ठहराते हुए आदेश में कहा कि इस प्रकार के जघन्य अपराध की परिकल्पना समाज की रूह कंपा देने वाली है.
हाई कोर्ट ने बदला फैसला :मृत्युदंड की पुष्टि के लिए प्रकरण को हाईकोर्ट रेफर किया गया था. सजा के खिलाफ आरोपियों ने भी अपील दायर की. याचिकाओं की सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने पाया कि आरोपियों की उम्र 35, 24 व 23 साल है. उन्होंने एकराय होकर दो परिवारों पर हमला किया और कोई पश्चाताप नहीं दिखाया. उनके सुधार व पुनर्वास की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया. याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने पैरवी की.