जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में लोकायुक्त द्वारा दर्ज की जाने वाली एफआईआर पब्लिक डोमेन में सार्वजनिक नहीं किये जाने को चुनौती दी गई थी. लोकायुक्त की तरफ से चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को बताया गया कि एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटों के अंदर उसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण कर दिया.
लोकायुक्त संगठन एफआईआर दर्ज करने के बाद भी इसे सार्वजनिक नहीं कर रहा
जबलपुर निवासी विशाल बघेल की तरफ से दायर एक याचिका में कहा गया था कि सीआरपीसी की धारा 156 के तहत दर्ज होने वाली सभी एफआईआर को सार्वजनिक किए जाने की व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट ने दी थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद सीबीआई जैसी शीर्ष जांच एजेंसी ने दर्ज होने वाली एफआईआर को सार्वजनिक करना शुरू कर दिया है. वहीं, लोकायुक्त संगठन द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद भी इसे सार्वजनिक नहीं की जा रही है. याचिका में कहा गया था कि यदि एफआईआर सार्वजनिक होने लगेगी, तो वहां पर प्राथमिकी की कॉपी के नाम पर आरोपित तौर पर होने वाली लूट बंद हो जायेगी. मामले में लोकायुक्त संगठन को आवश्यक निर्देश दिए जाने की राहत चाही गई है.