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बहू के 'टॉर्चर' से सास की गिरती साख, परिवार परामर्श केंद्र के ये आंकड़े डराते हैं

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Published : Oct 24, 2020, 10:36 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 10:52 PM IST

परिवार परामर्श केंद्र से चौंकाने वाले आंकडे सामने आए हैं. विवाह करके ससुराल जाने वाली बहू बल्कि ना सिर्फ सास-ससुर को परेशान कर रही हैं. यहां तक कि जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ थाने में झूठी रिपोर्ट लिखवाकर मामला दर्ज करवा रही हैं. ये रिपोर्ट देखिए..

Mother-in-law's falling credit
सास की गिरती साख

जबलपुर। सास बहूओं से आज कल इतना प्रताड़ित महसूस कर रही हैं कि अब वह भगवान से सिर्फ एक ही बात कहती रहती है कि काश उनके घर में लड़के की जगह अगर लड़की जन्म लेती तो कम से कम वह बुढ़ापे में उनकी सेवा तो करती. दूसरी तरफ विवाह करके ससुराल जाने वाली बहू बल्कि ना सिर्फ सास-ससुर को परेशान कर रही हैं. यहां तक कि जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ थाने में झूठी रिपोर्ट लिखवाकर मामला दर्ज करवा रही हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऐसे मामले परिवार परामर्श केंद्र पहुंच रहे हैं.

बहू के टॉर्चर से सास परेशान

परिवार परामर्श केंद्र में सास लगा रही हैं मदद के लिए चक्कर

अपनी बहुओं से परेशान होकर ज्यादातर सास आज मदद के लिए परिवार परामर्श केंद्र आती हैं. आंकड़ों के मुताबिक जबलपुर में प्रतिमाह करीब 52% सास अपनी बहू के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत करवा रही हैं तो वहीं 18% पति अपनी पत्नी के आचरण से दुखी हैं. कहा जा सकता है कि यह बहुत बड़ा आंकड़ा है कि सास अपनी बहू से प्रताड़ित होकर पुलिस और परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच रही हैं. पीड़ित सास कहती है कि बहू न घर का काम करती हैं और ना ही खाना बना कर देती हैं इतना ही नहीं बीमारी में तो बहू उनसे मुंह फेर लेती हैं.

क्या कहते हैं परामर्श केंद्र के प्रभारी

जबलपुर परिवार परामर्श केंद्र के प्रभारी अंशुमन शुक्ला बताते हैं कि जबलपुर पुलिस परामर्श केंद्र 1995 से लगातार संचालित हो रहा है. बीते 20 सालों में बहुत कम ऐसा देखने को मिलता था कि सास-बहू का रिश्ता जरा सी बात में पुलिस या फिर परामर्श केंद्र में आया हो, लेकिन हाल ही के कुछ सालों में देखा जा रहा है कि बहू का खौफ लगातार सास पर भारी पड़ रहा है. बहु के हाथों सास प्रताड़ित है. आज मां सोच रही होती है कि काश बेटे की जगह पर बेटी ने जन्म लिया होता तो वह आज बहू की प्रताड़ना नहीं झेल रही होती.

प्रभारी अंशुमन शुक्ला बताते हैं कि बेटा होने के बाद अब मां-बाप को भय पैदा हो रहा है कि अगर बेटा पैदा होगा और उसकी शादी के बाद जो बहू घर आएगी वह उन्हें प्रताड़ित करेगी. इतने ही नहीं मामला बढ़ जाने से पुलिस और कोर्ट के चक्कर तक बुढ़ापे में उन्हें लगाने होंगे. यही वजह है कि अब बेटे के जन्म होने पर कुछ लोग खुशियां नहीं मना रहे हैं, जबकि दूसरी ओर बेटी के जन्म होने पर मां-बाप को यह भरोसा रहता है कि वह कम-से-कम बुढ़ापे में उनका सहारा तो बनेगी. अभी हाल ही में एक आंकड़ा सामने आया है कि 26 फीसदी परिवार बेटी के जन्म से बेहद खुश है और यह आंकड़ा धीरे-धीरे पूरे देश में बढ़ भी रहा है.

लॉकडाउन में बढ़े घरेलू विवाद, पत्नियों से प्रताड़ित पति मांग रहे पुलिस से मदद

समाज में हो रहा है नैतिक मूल्यों का पतन

महिला कानून की जानकार अपर्णा शर्मा बताती हैं कि आज समाज में नैतिक मूल्यों का पूरी तरह से पतन हो चुका है पहले कहा जाता था कि बेटी दो घरों के कुल को लेकर चलती है एक अपने माता-पिता और दूसरे अपने सास-ससुर, पर आज दुर्भाग्य यह है कि सास ससुर को बहू के द्वारा प्रताड़ित करने के केस में जमकर इजाफा हुआ है जब कभी अगर सास बहू के किसी काम का विरोध करती है तो बहू पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज करवा देती है.

पारिवारिक विवादों के अब तक के आंकड़े

जनवरी से अक्टूबर 2020 में 1862 मामलों में सास ने बहूओं के खिलाफ दर्ज कराई है शिकायत

52 फीसदी सास कहती बेटे की अब नहीं रखती चाहत

जबलपुर में पिछले पांच सालों में करीब 60 हजार हुए हैं विवाह

60 हजार विवाह में 23 हजार मामलों में दर्ज हुए हैं मुकदमे

90% मामलों में सास के कारण वर पक्ष बना है दोषी

बहरहाल जिस तरह से सास-बहू के बीच विवाद होना और उसके बाद फिर इन मामलों का पुलिस और परिवार परामर्श केंद्र जाना, समाज के लिए चिंता का विषय है. इस ओर सोचना अब अति आवश्यक हो गया है कि कैसे सास-बहू की तकरार खत्म हो और समाज मे फैली सास-बहू की लड़ाई समाप्त हो सके.

Last Updated : Oct 24, 2020, 10:52 PM IST

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